घर तक जाने का नहीं था रास्ता, मरीज की जान बचाने 108 एंबुलेंस के कर्मचारी एक किमी तक स्ट्रेचर पर लेकर आए।

108 ambulance personnel brought patient on stretcher on foot for one km in korba

कोरबा

छत्तीसगढ़ के कोरबा में 108 संजीवनी एक्सप्रेस की टीम ने अपने काम से सेवा और समर्पण की मिसाल कायम की है। पड़ोसी से हुए विवाद के बाद बुजुर्ग दंपति घायल हो गए। उनके घर तक पहुंचने के लिए रास्ता नहीं था। ऐसे में घायल बुजुर्ग दंपति की जान बचाने के लिए 108 के कर्मचारी पहुंचे। फिर दोनों को स्ट्रेचर पर लेकर पैदल ही एक किमी चलकर एंबुलेंस तक लेकर आए। इसके बाद दोनों को अस्पताल में भर्ती कराया गया। मामला जिले के पोड़ी उपरोड़ा ब्लॉक का है। 

जानकारी के मुताबिक, ग्राम मदनपुर निवासी 65 वर्षीय इतवार और उनकी 61 साल की पत्नी फूल कुंवर का अपने पड़ोसी के साथ जमीन को लेकर विवाद हो गया। झड़प में इतवार के बाएं हाथ व सिर पर और उनकी पत्नी फूल कुंवर के दाएं पैर व सिर पर चोट आई।  परिजनों ने इसकी सूचना 108 को दी। सूचना मिलने पर टीम पहुंची, लेकिन गांव से उनके घर तक जाने का रास्ता पगडंडी भरा था। ऐसे में पायलट मुन्ना विश्वकर्मा और ईएमटी  दुलार दास एक किमी तक पैदल उन्हें स्ट्रेचर की मदद से एम्बुलेंस तक लेकर आए।

अर्द्ध बेहोशी की अवस्था में रही फूल कुंवर की स्थिति निरंतर बिगड़ती जा रही थी। उनके जख्म से तेज खून बह रहा था। ऐसे में ईएमटी दुलार ने अपने सूझबूझ का परिचय देते हुए ईआरसीपी की मदद ली और डॉक्टर की सलाहनुसार दोनों घायल बुजर्गों का इलाज करते हुए उन्हें पीएचसी मोरगा अस्पताल लेकर आए। फिरहाल डाक्टरों द्वारा उनका इलाज किया जा रहा है।  पूर्व में भी 108 टीम द्वारा पोड़ी उपरोड़ा अंतर्गत पहुंच विहीन गांवों में कई मरीजों और घायलों को स्ट्रेचर के माध्यम से ईएमटी और पायलट द्वारा लाया गया है।

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