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छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने प्रधानमंत्री मोदी पर हमला किया है। एक कार्यक्रम के दौरान सुसाइड को लेकर उनके चुटकुले को लेकर सिंहदेव ने ट्वीट कर निशाना साधा है। उन्होंने कहा है कि किसी को भी इस तरह संवेदनहीन नहीं होना चाहिए। आत्महत्या मज़ाक का विषय नहीं है।
टीएस सिंहदेव ने इस वीडियो के साथ लिखा है कि पिछले कुछ सालों में लाखों किसानों ने सरकार की दुर्नितियों की वजह से आत्महत्या की है। बेरोज़गार युवाओं ने भी आत्महत्या की है। छोटे व्यापारियों और दुकानदारों ने खराब अर्थव्यवस्था के कारण आत्महत्या की है। कई लोग महंगाई और कम आमदनी के कारण आत्महत्या करते हैं। कर्नाटक में भ्रष्टाचार से पीड़ित लोगों ने भी आत्महत्या की है।
हमेशा से हमें यह सोचते रहते थे कि क्या प्रधानमंत्री मोदी इन मुद्दों को गंभीरता से लेते हैं। आज हमें समझ में आ रहा है कि आत्महत्या उनके लिए एक मज़ाक है, एक ‘चुटकुला’ है। प्रचार, पीआर, भाषण तो उनकी जगह है, लेकिन प्रधानमंत्री को इतना संवेदनहीन नहीं होना चाहिए। आत्महत्या को एक मज़ाक का विषय नहीं बनाया जाना चाहिए। आप सभी की राय क्या है?
ये था पूरा मामला
एक कार्यक्रम में शामिल होते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक उल्लासपूर्ण मूड में जोक्स सुनाए। उन्होंने बताया कि वे अपने बचपन से एक चुटकुले को सुनते आए हैं, जोकि एक प्रोफेसर के बारे में था। इस प्रोफेसर की बेटी ने आत्महत्या कर ली थी, जो एक पत्र छोड़कर गई थी, जिसमें उसने लिखा था कि मैं जिंदगी से थक गई हूं और अब मैं कांकरिया में कूदकर मर जाऊंगी। सुबह प्रोफेसर ने देखा कि उसकी बेटी घर में नहीं है। उसने खोजने पर एक चिट्ठी मिली, जिसे पढ़कर प्रोफेसर को गुस्सा आया।