Heat Wave: खत्म नहीं हुआ लू का कहर… 140 से ज्यादा पहुंची मृतकों की संख्या, 41 हजार से ज्यादा पीड़ित…|

गर्मी की लहर: नई दिल्ली। देश के बड़े हिस्से को प्रभावित करने वाली गर्मी की लहर जानलेवा साबित हो रही है। इस लू के कारण 1 मार्च से 20 जून के बीच 143 लोगों की मौत हो चुकी है और लगभग 41,789 लोग संदिग्ध तापाघात से पीड़ित हुए हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय के सूत्रों ने यह जानकारी दी है। हालांकि, लू से मौतों का असली आंकड़ा इससे अधिक होने की संभावना है, क्योंकि राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीडीसी) द्वारा राष्ट्रीय गर्मी संबंधी बीमारी एवं मृत्यु निगरानी के तहत संकलित किए गए आंकड़ों में सभी राज्यों द्वारा प्रदान की गई अद्यतन जानकारी शामिल नहीं है।

कई चिकित्सा केंद्रों ने अब तक लू से जान गंवाने वालों की संख्या को ‘अपलोड’ नहीं किया है। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, 20 जून को ही तापघात के कारण 14 लोगों की मृत्यु की पुष्टि हुई है तथा संदिग्ध तापघात के कारण 9 लोगों की जान गई, जिससे मार्च से जून की अवधि में लू से मरने वालों की संख्या 114 से बढ़कर 143 हो गई है। आंकड़ों के अनुसार, उत्तर प्रदेश सबसे अधिक प्रभावित है, जहां 35 मौतें हुई हैं। इसके बाद दिल्ली में 21 और बिहार तथा राजस्थान में 17-17 मौतें हुई हैं।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे. पी. नड्डा ने गुरुवार को अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे अत्यधिक गर्मी की स्थिति बनी रहने तक केंद्र सरकार के अधीन आने वाले अस्पतालों का दौरा करें। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि प्रभावित मरीजों के लिए विशेष व्यवस्थाएं की गई हैं या नहीं। इसके साथ ही पिछले कुछ दिनों में लू के कारण हुई मौतों की संख्या का भी मूल्यांकन किया जा सके। उत्तर और पूर्वी भारत के बड़े हिस्से लंबे समय से लू की चपेट में हैं, जिसके चलते तापघात से होने वाली मौतों की संख्या में वृद्धि हो रही है। इसी को देखते हुए केंद्र सरकार को अस्पतालों को भीषण गर्मी से पीड़ित लोगों के लिए विशेष इकाइयां स्थापित करने की सलाह देनी पड़ी है।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे. पी. नड्डा ने बुधवार को निर्देश दिए थे कि केंद्र सरकार के सभी अस्पतालों में ‘विशेष लू इकाई’ स्थापित की जाए। इसके साथ ही, उन्होंने अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए कि अस्पताल गर्मी से प्रभावित लोगों को सर्वोत्तम इलाज प्रदान करें। उन्होंने तापघात से निपटने के लिए अस्पतालों की तैयारी की समीक्षा भी की। स्वास्थ्य मंत्री के इन निर्देशों के तहत, स्वास्थ्य मंत्रालय ने ‘लू मौसम 2024’ के लिए राज्य स्वास्थ्य विभागों को एक परामर्श जारी किया है।

मंत्रालय ने कहा है कि ‘अत्यधिक गर्मी के स्वास्थ्य प्रभावों को कम करने के लिए स्वास्थ्य विभागों को तैयारी और समय पर प्रतिक्रिया सुनिश्चित करनी चाहिए।’ परामर्श में राष्ट्रीय जलवायु परिवर्तन एवं मानव स्वास्थ्य कार्यक्रम (एनपीसीसीएचएच) के अंतर्गत राज्य नोडल अधिकारियों से कहा गया है कि वे एक मार्च से तापघात के मामलों और मौतों तथा कुल मौतों के आंकड़ों को प्रतिदिन जारी करना शुरू करें। साथ ही गर्मी से संबंधित बीमारी और मृत्यु निगरानी के तहत उनकी जानकारी भी उपलब्ध कराएं। इसमें रोकथाम और प्रबंधन के लिए स्वास्थ्य केंद्र तैयार करने लिए पर्याप्त मात्रा में ओआरएस पैक, आवश्यक दवाएं, आईवी तरल पदार्थ, बर्फ (आइस पैक) और उपकरणों की खरीद और आपूर्ति के निर्देश भी दिए गए हैं।

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