Ambikapur News: कमलेश्वरपुर थाने के सामने धरने पर बैठे तिब्बती शरणार्थी, मारपीट के आरोपित की गिरफ्तारी की मांग…|

अंबिकापुर। तिब्बती शरणार्थियों का आरोप है कि राजनीतिक संरक्षण के चलते पुलिस संतोष यादव को गिरफ्तार नहीं कर रही है। बुधवार की सुबह तिब्बती शरणार्थी हाथों में नारे लिखी तख्तियां लेकर सीधे कमलेश्वरपुर थाने के सामने पहुंच गए। यहां जमीन पर बैठकर उन्होंने धरना शुरू कर दिया।

तिब्बतियों ने टूटी-फूटी हिंदी में मांग की है कि संतोष यादव का समर्थन न किया जाए और जब तक उसकी गिरफ्तारी नहीं होती, तब तक आंदोलन जारी रखा जाए। उनका कहना है कि संतोष यादव ने बुलंद हौसले के साथ एक बुजुर्ग को सरेराह डंडे से पीटा और पुलिस उसे फरार बताकर गिरफ्तारी से बच रही है।

यह है मामला

मैनपाट के ग्राम कुनिया के निवासी 60 वर्षीय बुजुर्ग तिब्बती फुरबू 17 जून 2024 की सुबह पांच बजे खेती-बाड़ी के लिए ट्रैक्टर चलाने के उद्देश्य से कुनिया के संगवारी क्लीनिक के पास चालक दलवीर मांझी को बुलाने गए थे। उनके साथ चालक दलवीर मांझी का भाई नानू भी था। बुजुर्ग तिब्बती, ट्रैक्टर चालक दलवीर को अपने साथ चलने के लिए कह ही रहे थे कि तभी वहां आरोपित संतोष यादव आ गया। संतोष यादव ने बुजुर्ग पर आरोप लगाया कि वह एक अन्य तिब्बती पसांग गेलमो का पक्ष ले रहे हैं।

एसडीएम के सामने गवाही देते हुए, बताया गया कि आरोपित संतोष यादव ने डंडे से बुजुर्ग तिब्बती को पीटना शुरू कर दिया, जिससे उसे चोटें आईं। संतोष को मारपीट करते देख, चालक दलवीर डर के मारे अपने घर के अंदर भाग गया। उसी समय तिब्बती पसांग गेलमो की बेटी तेनजीन यांगछेन सड़क से गुजर रही थी।

लड़ाई-झगड़ा देखकर तेनजीन यांगछेन जोर से चिल्लाई। जब वह वहां पहुंची, तो संतोष यादव ने उसे और उसके घरवालों को जान से मारने की धमकी दी। उसने कहा, “मैं मैनपाट में जितने भी तिब्बती शरणार्थी हैं, उन्हें जीने नहीं दूंगा और एक-एक को मैनपाट से बाहर कर दूंगा।” तिब्बती शरणार्थी को मारपीट से चोटें आईं। मारपीट के बाद आरोपित भाग निकला। इस घटना की मुख्य वजह जमीन विवाद बताई जा रही है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You cannot copy content of this page