बिलासपुर। तोरवा में स्थित एक जमीन का सीमांकन करने के लिए राजस्व निरीक्षक ने एक शिक्षक से दो लाख पचास हजार रुपये की मांग की। शिक्षक ने इस बारे में एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) में शिकायत दर्ज कराई। शिकायत की पुष्टि के बाद एसीबी की टीम ने शुक्रवार को छापा मारकर राजस्व निरीक्षक को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। आरोपी राजस्व निरीक्षक से एक लाख रुपये बरामद किए गए हैं।
आरआई के खिलाफ 7 पीसी एक्ट के तहत कार्रवाई की गई है। तोरवा निवासी प्रवीण कुमार तरुण एक शिक्षक हैं। उन्होंने एसीबी में आरआई के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है। शिकायत में बताया गया है कि तोरवा स्थित जमीन का सीमांकन करने के लिए राजस्व निरीक्षक संतोष कुमार देवांगन ने उनसे दो लाख पचास हजार रुपये की मांग की है। एसीबी की टीम ने इस शिकायत की जांच की और पुष्टि की। इसके बाद एसीबी ने योजना बनाई और शिक्षक को पहले किश्त के रूप में एक लाख रुपये देकर तहसील कार्यालय में स्थित आरआई के कमरे में भेजा।
यहां शिक्षक ने आरआई को रुपये सौंप दिए। रुपये देने के बाद शिक्षक ने एसीबी की टीम को संकेत दिया। शिक्षक का संकेत मिलते ही एसीबी की टीम तुरंत मौके पर पहुंच गई। एसीबी के अधिकारियों ने आरआई की टेबल से एक लाख रुपये जब्त किए। शिक्षक ने बताया कि उनकी जमीन का सीमांकन लंबे समय से लंबित है। इसके लिए वह लगातार तहसील कार्यालय के चक्कर लगा रहे थे।
आखिरकार, आरआई ने सीमांकन करने के लिए ढाई लाख रुपये की मांग कर दी। अपनी ही जमीन का सीमांकन कराने के लिए इतनी बड़ी रकम की मांग से वे हैरान रह गए। उन्होंने तुरंत इसकी शिकायत एसीबी में कर दी। दिनभर तहसील कार्यालय में गहमा-गहमी रही क्योंकि एसीबी की टीम कार्यालय खुलते ही वहां पहुंच गई थी।
टीम के सदस्य आरआई की गतिविधियों पर नजर बनाए हुए थे। जैसे ही शिक्षक ने आरआई को रुपये दिए, टीम के सदस्य तुरंत वहां पहुंच गए। एसीबी की कार्रवाई की खबर मिलते ही कई अधिकारी दफ्तर छोड़कर भाग गए। उधर, अपने काम से आए लोग और मीडिया कर्मी आरआई के कमरे की ओर बढ़ गए। भीड़ बढ़ते देख अधिकारियों ने कमरे को अंदर से बंद कर लिया। बंद कमरे में ही एसीबी ने अपनी कार्रवाई पूरी की। इसके बाद, आरोपित आरआई को अपने साथ ले गए।