नारायणपुर समाचार: कांग्रेसी नेता और मालक परिवहन संघ के सचिव विक्रम बैस की हत्या में पत्रकार मनीष राठौर मुख्य आरोपी हैं। वह प्रदेश के प्रमुख अखबार से जुड़े हैं। यह मामला निको जायसवाल कंपनी के आमदई स्थित खदान से आयरन ओर परिवहन के विवाद से जुड़ा है। इससे पहले खदान से जुड़े भाजपा नेता रतन दुबे, सागर साहू और कोमल मांझी की हत्या नक्सलियों द्वारा की गई थी।
आरोपितों ने इस तथ्य का उपयोग करके इस हत्या को नक्सलियों द्वारा की गई हत्या के रूप में प्रस्तुत करने का प्रयास किया था। लेकिन साइबर विश्लेषण के आधार पर पुलिस ने इस हत्याकांड का 24 घंटे के भीतर पर्दाफाश कर दिया है। हत्या मामले में शामिल छह आरोपितों को नारायणपुर पुलिस ने गुरुवार को न्यायिक रिमांड पर भेज दिया है, पर मुख्य आरोपी मनीष राठौर अब भी पुलिस की पकड़ से बाहर है, जिसे पकड़ने के लिए एक स्पेशल टास्क फोर्स गठित किया गया है।
डेढ़ महीने पहले रचा था हत्या का षड्यंत्र
पुलिस के अनुसार, मामले में विवेचना के बाद, सीसीटीवी फुटेज और साइबर विश्लेषण के आधार पर नारायणपुर के पत्रकार मनीष राठौर का नाम सामने आया। मनीष राठौर ने ही जसप्रीत सिंह सिद्धू, विश्वजीत नाग, विप्लव और विवेक अधिकारी के साथ मिलकर लगभग डेढ़ महीने पहले हत्या की साजिश रची थी।
भिलाई के इंडियन काफी हाउस में पिस्टल खरीदने और हत्या की योजना के लिए मनीष राठौर, विश्वजीत नाग, राजीव रंजन, संदीप यादव, और सैमुआल ने मीटिंग की थी। हत्या में पिस्टल का उपयोग बिहार के सिवान से किया गया था। घटना को अंजाम देने से पहले दो दिनों तक आरोपितों ने मृतक को निशाना बनाया था। घटना के दिन मृतक विक्रम बैस को अकेले पकड़ लिया गया और आरोपी संजू यादव और विश्वजीत नाग ने मिलकर गंडासा से हमला किया।
पिस्टल से गोली मारकर उसकी हत्या कर दी गई। घटना में प्रयुक्त पिस्टल को मनीष राठौर के गोदाम में छुपा दिया गया था। घटना की जांच के बाद नारायणपुर थाना में अपराध धारा 302, 34 भादंवि के तहत अपराध दर्ज किया गया है। प्रकरण में दुर्ग, रायपुर, और बिलासपुर की एसीसीयू टीम और साइबर की सहायता से जानकारी एकत्रित की गई। इसी आधार पर अंधे कत्ल की गुत्थी को सुलझा कर आरोपितों को पकड़कर रिमांड पर भेजा गया है।