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सामान्य सभा में औद्योगिक इकाइयों को संपत्ति कर के भार से मुक्त किए जाने को लेकर शासन के निर्देश पर चर्चा की गई। सभा में पक्ष और विपक्ष के पार्षदों के बीच गहमागहमी का माहौल बना रहा। अंततः बहुमत के आधार पर सत्ता पक्ष ने प्रस्ताव को पारित कर दिया औद्योगिक इकाइयों को संपत्ति कर के भार से मुक्त किए जाने के संबंध में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रदेश के सभी नगरीय निकाय से अपने विचार मांगे हैं। इसी के मद्देनजर गुरुवार सुबह नगर पालिक निगम भिलाई के सभागार में विशेष सामान्य सभा औद्योगिक इकाइयों को संपत्ति कर के भार से मुक्त किए जाने को लेकर आयोजित की गई सभा में महापौर नीरज पाल सहित पक्ष विपक्ष के सभी पार्षद उपस्थित हुए औद्योगिक इकाइयों को संपत्ति कर के भार से मुक्त किए जाने के संबंध में दोनों ही पक्षों के बीच चर्चा जारी रही। दोनों ही पक्षों में तनातनी का माहौल देखने को मिला साथ ही कोई भी पार्षद किसी भी बात को सुनने को तैयार नहीं दिखा। दोनों ही दलों के पार्षदों में बैठक शुरू होने से लेकर अंत तक सरगर्मी से चर्चा होती रही। सभी अपने अपने पक्ष को मजबूत दिखाने डटे रहे। वहीं विपक्षी पार्षदों ने शहर में गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन कर रहे लोगों को भी संपत्ति कर में छूट दिए जाने की मांग की। इस पर दोनों पक्षों के बीच जोरदार बहस देखने को मिली। लगातार होती बहस के बीच अंततः विपक्षी पार्षदों ने सदन से वाक आउट कर दिया जिसके बाद बहुमत के आधार पर शहर सरकार के सत्तारूढ़ दल ने प्रस्ताव को पारित कर दिया। राष्ट्रगान के पश्चात सभा का समापन हुआ गौरतलब है कि नगर निगम को संपत्ति कर से ऐसी छूट प्रदान करने की शक्ति होगी जैसा कि वह उचित समझें। तथा राज्य शासन निगम की आर्थिक स्थिति को ध्यान में रखते हुए निगम द्वारा प्रदान की जाने वाली छूट की अधिकतम सीमा तय करेगा। गौरतलब हैं कि शासन निगम को अपने विचार प्रकट करने के लिए अवसर देने के पश्चात किसी व्यक्ति या व्यक्तियों की श्रेणी को अथवा किसी संपत्ति या संपत्ति के किसी भी प्रकार, ऐसे किसी भी प्रकार के कर से पूर्णतह भुगतान से मुक्त कर सकेगा