CG Election 2023: खेतीबाड़ी के लिए कृषि उपकरण से जूझ रहा छत्‍तीसगढ़ का किसान, बन सकता है प्रमुख चुनावी मुद्दा…|

रायपुर (राज्य डेस्क)। 2023 के छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के समय, किसानों के लिए कृषि यंत्र प्राप्त करना एक महत्वपूर्ण मुद्दा बन गया है। किसान समुदाय का मानना है कि इस बार कृषि उपकरण के लिए योजनाओं को और भी व्यापक बनाया जाना चाहिए। प्रदेश के किसानों को पर्याप्त संख्या में कृषि यंत्र नहीं मिल रहे हैं।

कृषि के आधुनिक अभियांत्रिकी युग में, किसान धीरे-धीरे जागरूक हो रहे हैं और वे अब ट्रैक्टर से लेकर स्प्रिंकलर, ड्रिप, डकफुट कल्टीवेटर, स्प्रिंग टाइन कल्टीवेटर, रिजिड टाइन शोवेल टाइप कल्टीवेटर, लैंड लेवलर जैसे मुख्य कृषि उपकरणों की मांग कर रहे हैं। पिछले वर्षों में यह देखा गया है कि किसानों ने कृषि उपकरणों की मांग में बड़ी वृद्धि की है, लेकिन यह दुखद है कि इसका उत्तरदायिता पूरी तरह से नहीं लिया गया है। इसकी मुख्य वजह यह है कि केंद्र सरकार द्वारा प्रवर्तित कृषि यंत्रीकरण योजना में वर्षों से 120 से 150 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता नहीं बढ़ाई गई है और राज्य में कोई ऐसी योजना नहीं चलाई जा रही है।

चैंप्स से भी राहत नहीं

किसानों को कृषि यंत्र उपलब्ध कराने में पारदर्शिता लाने के लिए राज्य शासन ने “चैंप्स” (छत्तीसगढ़ एग्रीकल्चर मैकेनाइजेशन एंड माइक्रो एरिगेशन मॉनिटरिंग प्रोसेस) सॉफ़्टवेयर की सुविधा प्रदान की है। इसके माध्यम से किसानों को कृषि उपकरण खरीदने में न तो परेशान होना पड़ेगा और न ही दलालों के चक्करों में फंसकर अधिक कीमत चुकानी पड़ेगी, लेकिन किसानों को इस सुविधा से अब भी लाभ नहीं मिल रहा है, क्योंकि उन्हें समय पर कृषि यंत्र उपलब्ध नहीं हो रहे हैं।

एक अद्भुत तथ्य यह है कि ट्रैक्टर के लिए 10,000 आवेदनों में केवल 3,000 किसानों को ही वह मिल पा रहा है। प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत स्प्रिंकलर के लिए पिछले वर्ष 25,000 से अधिक आवेदन प्राप्त हुए थे, लेकिन उनमें से केवल 21,000 किसानों को लाभ मिला था। इसके अलावा, ड्रिप और अन्य कृषि उपकरणों की भी कमी है। इस तरह, हस्त बैल चलित यंत्र, पावर टिलर, कंबाइन हार्वेस्टर, शक्ति चलित कृषि यंत्र, पौधा सरक्षण यंत्र, सिंचाई पंप, और अन्य कृषि उपकरणों की मांग लगातार बढ़ रही है।

भूपेश सरकार ने एक अलग संचालनालय की स्थापना का एलान किया है: किसानों को समय पर कृषि यंत्र मिलने के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कृषि यंत्रीकरण के लिए एक अलग संचालनालय की स्थापना करने का निर्णय लिया है। इसके सेटअप की प्रक्रिया वर्तमान में जारी है। विशेषज्ञों के अनुसार, यह सही तरीके से मॉनिटरिंग करने से किसानों को इस समस्या से निजात दिलाई जा सकती है।

केंद्र की योजना में इतनी सब्सिडी

छत्तीसगढ़ में केंद्र प्रवर्तित कृषि यंत्रीकरण योजना का प्रयोग हो रहा है। इस योजना के अंतर्गत, किसानों को कृषि यंत्रों की खरीद पर 40 से 50 प्रतिशत तक सब्सिडी प्रदान की जाती है। इसके अलावा, कस्टम हायरिंग केंद्रों (सीएचसी) और उच्च मूल्य वाले कृषि यंत्रों के लिए उच्च तकनीकी केंद्र स्थापित करने के लिए 40 प्रतिशत सब्सिडी उपलब्ध होती है।

ठोस कार्ययोजना बनानी होगी

भारतीय किसान महासंघ के राष्ट्रीय संयोजक डॉ. राजाराम त्रिपाठी ने यह कहा है कि छत्तीसगढ़ में जहाँ 130-140 सेंटीमीटर की औसत वर्षा होती है, वहाँ की 80 प्रतिशत जनसंख्या कृषि पर निर्भर है। इस प्रस्तावना के साथ, इस राज्य में ”बारहमासी सुनिश्चित सिंचाई” और किसानों को पर्याप्त कृषि उपकरण प्राथमिकता होनी चाहिए। इसके लिए, हमें केवल वोटों की लोकल राजनीति से आगे बढ़कर खेती-किसानी को ध्यान में रखना होगा, किसानों के बीच के अंतर को कम करने के लिए और उनके लिए अंतरराष्ट्रीय योजनाएं तैयार करनी होंगी, और सर्वोच्च प्राथमिकता में इसे अमल में लाना होगा।

केंद्र प्रवर्तित कृषि यंत्रीकरण योजना में इतने उपकरण वितरित

वर्ष कृषि यंत्र वितरित सीएचसी स्थापित अनुदान राशि जारी (करोड़ में)

2019-20 5,795 265 20.00

2020-21 6,323 413 31.9

2021-22 6,916 362 41.84

2022-23 12,244 554 72.04

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