जगदलपुर समाचार: भाजपा नेता और पूर्व सरपंच महेश गोटा पर जानलेवा हमले के आठ दिन बाद, नक्सलियों ने एक पर्चा जारी किया है। पर्चे में नक्सलियों ने महेश गोटा पर जानलेवा हमले की जिम्मेदारी लेने का आरोप लगाया है। उन्होंने इस पर्चे के माध्यम से बताया कि महेश गोटा ने अंदरुनी क्षेत्र के युवाओं को भाजपा से जुड़ने का काम किया था, जबकि उन्हें ऐसा करने से इनकार किया गया था। पश्चिम बस्तर डिवीजनल कमेटी नक्सलियों ने महेश गोटा पर जानलेवा हमले की जिम्मेदारी लेने का आरोप उठाया है।
नक्सलियों ने जारी किए गए पर्चे में महेश गोटा के खिलाफ पुलिस के साथ सांठगांठ करने के आरोप भी उठाए हैं। इस पर्चे में उन्होंने फरसेगढ़ थाने में हेलीपैड निर्माण, आदिवासियों की ज़मीन के हड़पने, ठेकेदारों के साथ मिलकर अंदरूनी क्षेत्रों में पुल-पुलिया निर्माण की योजना बनाने, सागमेटा, एडापल्ली, पिल्लूर, और सेंड्रा में कैंप स्थापित करने के लिए कठिनाईयों का सामना करने का भी आरोप लगाया है। साथ ही, सरपंच के पद पर रहते समय मजदूरों के पैसों की उधारणी के आरोप भी इस पर्चे में उल्लेखित हैं।
21 अगस्त को अपहरण के बाद, फरसेगढ़ के सोमनपल्ली क्षेत्र में नक्सलियों ने महेश गोटा पर हमला किया था। गाँववालों के वहां पहुँचने से पहले, नक्सली विकल स्थिति में गोटा को छोड़कर वह भाग गए थे। उनके परिजनों ने उन्हें बीजापुर अस्पताल ले जाया, जहाँ से रात्रि में ही डिमरापाल स्थित मेडिकल कॉलेज भेज दिया गया। वहाँ से उन्हें एक एम्बुलेंस में लेकर दिल्ली के अस्पताल भेज दिया गया। महेश गोटा की हालत अब भी बहुत संवेदनशील है। उन्हें यहाँ की तंगी सुरक्षा में रखकर, डॉक्टरों ने उन्हें 72 घंटों के लिए गंभीर देखभाल वाले क्रिटिकल यूनिट में रखा है। उनके साथ दिल्ली गए उनके भाई डॉक्टर प्रकाश गोटा ने बताया कि उन्हें भी अस्पताल के अंदर जाने की अनुमति नहीं मिली।