दंतेवाड़ा समाचार: छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में आज भी सड़कें ऐसी हैं कि गांव तक एम्बुलेंस पहुंचाना मुश्किल होता है। सोमवार रात को एक ऐसा मामला सामने आया, जहां कटेकल्याण ब्लॉक के बुडदीकरका गांव में रहने वाली 35 वर्षीय भीमा की हालत खराब हो गई। परिवारजनों ने 108 एम्बुलेंस को कॉल किया, लेकिन सड़कों की अधीक बदहाली की वजह से एम्बुलेंस धनिकरका गांव तक ही पहुंच सकी। इसके बावजूद, गांव से बीमार महिला का चार किलोमीटर दूर होने के कारण, परिवारजनों ने उसे अंधेरी रात में खटिये पर उठाकर धनिकरका गांव तक पहुंचाया, जहां एम्बुलेंस का इंतजार किया गया।
नक्सली दहशत की वजह से नहीं बन पा रही थी सड़क
धनिकरका, बुडदीकरका नक्सल प्रभावित क्षेत्र के रूप में प्रसिद्ध है। स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए यहां के लोगों को या तो कुआकोंडा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र जाना पड़ता है या फिर 30 किलोमीटर दूर के दंतेवाड़ा जिले के अस्पताल में जाना पड़ता है। खटिया में पहुंचकर महिला को लेकर जोगा, हूंगा ने बताया कि पहले नक्सली हमलों की वजह से गांव की सड़क का निर्माण नहीं हो पा रहा था, लेकिन अब स्थिति सामान्य हो गई है। फिर भी, सड़क का निर्माण नहीं हो पा रहा है, जिससे परेशानियाँ बढ़ती जा रही हैं।
दंतेवाड़ा में दर्जनों गांव जहां नहीं पहुंचते वाहन
दंतेवाड़ा जिले में कई ऐसे गांव हैं, जहां आज भी वाहन, विशेषकर एंबुलेंस, पहुंचाने में कठिनाई होती है। यहां तक कि बीमार लोगों को अब भी कावड़ या खटिये में ही इलाज कराना पड़ता है। बुडदीकरका के ग्रामीणों ने सुनाया कि वे सड़क की मांग कर रहे हैं, लेकिन इसका पूरा पालन नहीं हो रहा है। ग्राम पंचायत द्वारा इस समस्या का समाधान करने का कोई प्रयास नहीं हो रहा है। स्थानीय ग्रामीण ने व्यक्त किया कि उन्हें अब कलेक्टर से मिलकर सड़क की मांग करनी होगी।