जरूरत से ज्यादा पानी पीना भी सेहत के लिए हो सकता है खतरनाक, जानें ओवरहाइड्रेशन के 4 साइड इफेक्ट्स…

ओवरहाइड्रेशन के प्रतिक्रिया या साइड इफेक्ट्स: डॉक्टर से लेकर विशेषज्ञ तक भरपूर मात्रा में पानी पीने की सलाह देते हैं। इसका कारण पानी से शरीर को मिलने वाले फायदे होते हैं। पानी शरीर को हाइड्रेटेड बनाए रखने के साथ ही डिटॉक्स भी करता है। यह शरीर में मौजूद विषाक्त तत्वों को पेशाब के रास्ते बाहर निकाल देता है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि ज्यादा पानी आपको नुकसान भी पहुंचा सकता है। इतना ही नहीं, यह शरीर में कई बीमारियों को पैदा करने के साथ ही जानलेवा हो सकता है।

अत्यधिक पानी पीने के परिणामस्वरूप शरीर में इलेक्ट्रोलाइट बैलेंस का विघटन हो सकता है और खून में सोडियम के स्तर को कम कर सकता है, जिससे हाइपोनेट्रेमिया नामक स्थिति उत्पन्न हो सकती है। हाइपोनेट्रेमिया के लक्षणों में- जी मिचलाना, सिरदर्द होना, दुर्बलता, चिड़चिड़ापन, मांसपेशियों में ऐंठन आदि शामिल हैं।

जानें एक दिन में कितना पीए पानी

इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिसिन ने पानी पीने से जुड़े दिशा-निर्देश स्थापित किए हैं। एक स्वस्थ व्यक्ति को रोजाना लगभग 9 से 13 कप पानी पीना चाहिए।

ज्यादा पानी पीने के 4 साइड इफेक्ट्स

हाइपोनेट्रेमिया

ज्यादा पानी पीने से शरीर में सोडियम का स्तर कम हो सकता है। इस स्थिति को हाइपोनेट्रेमिया कहा जाता है। दिल और किडनी से जुड़ी परेशानियों वाले लोगों को हाइपोनेट्रेमिया का खतरा ज्यादा होता है।

मांसपेशियों में ऐंठन

एक बीएमजे के प्रकाशन में प्रकाशित एक अध्ययन में कहा गया है कि अत्यधिक पानी पीने से खून में सोडियम और अन्य इलेक्ट्रोलाइट्स का पतला हो जाता है, जिससे शरीर में सोडियम का स्तर कम हो जाता है। शरीर में सोडियम के स्तर की कमी से मांसपेशियों में ऐंठन जैसी शारीरिक समस्याएं पैदा हो सकती हैं।

बार-बार पेशाब आना

ज्यादा पानी पीने से शरीर में अधिक पेशाब आता है, क्योंकि जब आप अत्यधिक पानी पीते हैं, तो किडनी को लगातार काम करना पड़ता है। इसके साथ ही, विभिन्न अध्ययनों से मालूम होता है कि बार-बार पेशाब आना किडनी पर ज्यादा दबाव डालता है।

दस्त

ओवरहाइड्रेशन के प्रतिक्रिया या साइड इफेक्ट्स: इससे हाइपोकैलिमिया या शरीर में पोटेशियम के स्तर में कमी होती है। इसके कारण दस्त और लंबे समय तक पसीना आता है। क्लीवलैंड क्लिनिक की वेबसाइट के एक रिपोर्ट के अनुसार, हाइपोकैलिमिया अक्सर सीधे डाइजेशन सिस्टम को प्रभावित करता है। इसलिए, उल्टी और दस्त जैसी परेशानियां पैदा हो सकती हैं।

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