जांजगीर चांपा | जिला सिटी कोतवाली थाने में श्यामलाल साहू उम्र 62 वर्ष पिता श्री स्व. रामशंकर साहू निवासी ग्राम पिसाद ने शिकायत दर्ज कराई है कि मेरी ग्राम- पिसौद में भूमि खसरा नं. क्रमशः 2435/2 (2437. 2440) 2438, 2441, 2408 / 2 रकबा क्रमश: 0,304, 0.299, 0.809, 0.061, 0.097 हे0 कुल रकबा 2.15 एकड़ स्थित है, जो कि नेशनल हाईवे से लगा हुआ है, मेरे पास चोलाराम कश्यप, शिवकुमार कश्यप एवं राजकुमार सारथी निवासी जांजगीर वाले आए और मेरे उपरोक्त वर्णित भूमि को खरीदने का ईरादा बताये मैंने उन्हें बताया कि नेशनल हाईवे से लगकर भूमि की प्रति डिसमिल कीमत 1,25,000 /- (एक लाख पच्चीस हजार रूपये) चल रही है, उतने में ही बेचूंगा तब उपरोक्त वर्णित व्यक्तियों ने मुझसे मोल भाव करके मेरे पूरे जमीन को 1,07,000/- (एक. लाख सात हजार रूपये) प्रति डिसमिल के हिसाब से खरीदने का शौदा किया जिसपर में सहमत हो गया, तब मेरे पास चोलाराम कश्यप, शिवकुमार कश्यप एवं राजकुमार सास्थी तीनों व्यक्ति मिलकर शिवानंद तिवारी जिसे मैं नहीं पहचानता था,
उसे मेरे पास लेकर आये और बताये की हम चारो लोग एक साथ मिलकर जमीन खरीदी बिक्री का काम करते है और उन्हों ने मुझे कहा कि आपको जमीन खरीदी बिक्री का कागज जांजगीर में तैयार कराने मेरे साथ जाना पड़ेगा और आपको 30,00,000/- रूपये एडवांश दिया जावेगा, मैं उन लोगों के उपर भरोसा करके जांजगीर दिनांक 06.04.2023 को जाजगीर गया जहां अमित सराफ एवं चंद्र कांत चंद्रा से उन चारों लोगों ने मेरा परिचय कराया और उक्त क्रमशः पेज 02……चारों व्यक्तियों के साथ अमित सराफ एवं चंद्र कांत चंद्रा ने मुझे आश्वासन दिया कि आपकी जमीन 1,07,000/- रूपये प्रति डिसमिल के भाव से हम लोगों ने खरीद लिये आप 30,00,000/- रूपये पेशगी लेलो तथा बाकी रकम विक्रय पत्र रजिस्ट्री के समय दिया जायेगा मुझे बताया गया कि दिनांक 06.04.2023 को जो कागज तैयार किया जा रहा है, वह कागज महादानामा है,
जिस दिन रजिस्ट्री होगी उस दिन आपकी फिर जरूरत पडेगी दिनांक 06.04.2023 को सभी छः व्यक्ति जांजगीर में उपस्थित थे, और मुझे उसी समय जांजगीर में चंद्र कांत द्वारा 8,19,350/- रूपये का चेक दिया गया तथा 8,19,350 /- रूपये अमित सराफ के द्वारा दिनांक 12.04.2023 को दिया गया तथा शेष रकम 13.61,300 /- रूपये नगद दिया गया चोलाराम कश्यप ने अपने घरेलू खर्च के नाम पर दो चार दिन में रकम वापस कर देने की बात कहते हुये मुझसे 5,00,000/- रूपये नगद एवं 5,00,000/- रूपये बैंक से प्राप्त किया था। दिनांक 13.04.2023 को मुझे 1,50,300 /- रूपये एस्ट्रा दिलाने की बात कहते हुये चोलाराम ने दिनांक 13.04.2023 को दिलवाया था. दिनांक 13.04.2023 को मेरी जानकारी के बिना मुक्तयारनामा के माध्यम से विक्रय पुत्र का पंजीयन कराया गया जिसमें मुक्तयारनामा जिसे महादानामा बताया गया था, के लिखाने के समय जो चके दिया गया था, उसी की फोटो कॉपी बिक्रीनामा में लगायी गई है। जिसे उन्होंने एडवांश का चेक बताया था,
मेरे द्वारा चोलाराम से पुछने पर की जमीन की रजिस्ट्री कब करवाओगे तब चोलाराम ने दिनांक 20.04.2023 को मुझे धोखा देने के लिये एवं फर्जी मुक्तयारनामा एवं विक्रय पत्र को छिपाने के लिये झूठा इकरारनामा ग्राम- चाम्पा में लिखाकर नोटरी के समक्ष दस्खत कर सत्यापित कराकर मुझे दिया मैंने पूछा की चाम्पा में इकरारनामा क्यों लिखवा रहे हो तो बोला कि अभी रजिस्ट्री करने में टाईम है, इसलिये इसे चाम्पा में ही लिखा दिया हूँ, और बोला कि किसी प्रकार से शौदा पर दावा आपत्ति होगा तो मैं पूरा रकम वापस करूंगा। आपकी जमीन हम सब व्यक्ति शौदा हुआ है, उसी के भाव में ही खरीदी करते हुये विक्रय पत्र निष्पादित करायेंगे क्रमशः पेज 03शिवकुमार, राजकुमार सारथी, शिवानंद तिवारी, अमित सराफ, चंद्र कांत लोगों ने मिलकर मेरे कीमती जमीन को हड़पने के लिये मेरी जानकारी के बिना शिवानंद के मुक्तयारनामा के आधार पर अमित सराफ एवं चंद्र कॉल चंद्रा के नाम पर मेरे भूमि स्वामी हक एवं कब्जे की भूमि का विक्रय पत्र का पंजीयन करा दिया एवं मेरी जानकारी के बिना कथित फर्जी विक्रय पत्र के आधार पर नामांतरण करा लिया। मेरे द्वारा जानकारी होने पर चोलाराम तथा राजकुमार को बोला गया तो राजकुमार ने कहा की हम रजिस्ट्री नहीं कराये है, राजकुमार अपराधी किस्म का व्यक्ति है, जिसके विरूद्ध कई प्रकरण संचालित है, उक्त व्यक्ति का काम ही छल एवं चोखा धड़ी करना है, जिसमें उसके साथ उपरोक्त व्यक्ति शामिल है
मेरी जमीन की कुल कीमत 2,30,5,000/- (दो करोड़ तीस लाख पांच हजार रूपये) की है,
और उतने में ही सभी लोगों के द्वारा मुझसे शौदा किया गया था, और कुटरचित मुख्त्यारनामा के आधार पर विक्रय पत्र की रजिस्ट्री कराई गई है, मेरे खेत की ऋण पुस्तिका मेरे पास ही थी, और बिना ऋण पुस्तिका के विक्रय पत्र का पंजीयन मुझसे छल करते हुये करा दिया गया जिस षड़यंत्र में उपपंजीयक जांजगीर भी शामिल है, फर्जी मुख्यारनामा 214 एकड का तैयार कराया गया है, तथा हेक्टेयर में 0.870 हेक्टेयर लिखा है, जो साढ़े सत्रह डिसमिल होता है, तथा पेश बी. 1 में 2440 खसरा नं का उल्लेख ही नहीं है, जिससे स्पष्ट है, कि उक्त धोखा घड़ी में उपपंजीयक जांजगीर भी शामिल है. और कुटरचना की गई है, शिवानंद तिवारी द्वारा जो फर्जी मुख्त्यारनामा कराया गया है, उसमें भूमि 214 एकड़ लिखा हुआ है, उन्होंने 2.15 एकड़ भूमि का रजिस्ट्री कराया है, जो स्वयं में छल को साबित करता है, इस प्रकार मेरी कीमती भूमि को हड़पने के लिये कुटरचित फर्जी दस्तावेज तैयार कर विक्रय पत्र का पंजीयन कराते हुये अपने नाम से अमित सराफ एवं चंद्र कांत चंद्रा द्वारा राजस्व अभिलेख में अपना नाम दर्ज करा लिया है,
मेरी भूमि पर मेरा ही कब्जा है, मैं उसमें कृषि कार्य किया हूँ, मेन रोड़ से लगी हुई संपूर्ण भूमि बहुत कीमती है, जिसे उक्त सभी लोगों ने षड्यंत्र करके अपने नाम से करा लिया है, में कम पढ़ा लिखा होने के कारण तथा उनके बहकावे में आ कर उन पर भरोसा करते हुये मेरी जमीन का शौदा किया था, मुझे जमीन का कीमत दिये बिना फर्जी दस्तावेजों के आधार पर चार सौ बी. सी. किया गया है, और मुझे अभी भी रकम देने का झूठा आश्वासन दे रहे है, मैं ग्रामिण आदमी हूँ, मेरा बैंक खाता भी उन्हीं लोगों खुलवाया था, और चेक भी उन्हीं लोगों ने बैंक से दिलवाया था, बाजार मूल्य मेंरजिस्ट्री कराकर चार सौ बी.सी. से बचने का पूरा कोशिस सभी व्यक्तियों द्वारा किया गया है, मैंने स्वयं अपने भूमि से लगी भूमि को बिहारी लाल यादव से 1,20,000/- रूपये प्रति डिसमिल के हिसाब से खरीदा था. तो मेरे द्वारा विक्रय पत्र में उल्लेखित राशि पर मेरी भूमि को बेचे जाने का कथन एकदम बनावटी व फर्जी कथन है |