अंडा। विधानसभा के मानसून सत्र में प्रदेश के मुखिया भूपेश बघेल ने ग्रामीणों के आवास के लिए 100 करोड़ का अनुपूरक बजट प्रावधान कर लगाया न्याय पर मुहर। अवगत हो कि छत्तीसगढ़ के आवासहीन ग्रामीणों के पक्का आवास का आधार केंद्र की सरकार ने वर्ष 2011 के जनगणना और आर्थिक सर्वेक्षण रहा है पिछले 13 वर्ष पूर्व हुए सर्वे में आए बदलाव तथा वर्तमान स्थिति के अनुरूप आवास के वाजिब हकदारों के सर्वे की दरकार केंद्र सरकार द्वारा 2021 में देश भर में जनगणना का रहा है परंतु केंद्र द्वारा कोरोना काल के बहाने के बाद जनगणना सर्वे की शून्यता के कारण जरूरत मद लाभ से वंचित होते गए , इस बात की चिंता करते हुए छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने केंद्रीय सरकार को पत्र लिख आग्रह किया गया कि वर्तमान सर्वे के अभाव में छत्तीसगढ़ की जनता ग्रामीण आवास के लाभ से छूट रहे है बावजूद केंद्र द्वारा अनदेखी के कारण भूपेश सरकार ने छत्तीसगढ़ में देश के अपनी तरह का 1अप्रैल से 30 अप्रैल 23 तक एक माह का विशेष अभियान चलाकर हर घर से जानकारी एकत्रित किया गया जिसका शासन द्वारा सभी जरूरी जानकारी का डाटा बेस संकलन किया जा रहा है।ताकि वंचितों को लाभान्वित किया जा सके। एक ओर गांव ,गरीब ,किसान ,नौजवान ,महिलाओं ,सियान और खेत से लेकर खलिहान तक,कस्बा से लेकर शहर तक अनेकों योजनाओं के बेहतर क्रियान्वयन से राष्ट्रीय स्तर पर छत्तीसगढ़ का नाम स्थापित हो रहा है अन्य राज्य छत्तीसगढ़ के विकास माडल को अपना रहे है वही दूसरी ओर मुद्दाविहीन विपक्ष अनर्गल बातें कर जनता को गुमराह कर रही है प्रदेश की जनता अच्छे से इस बात को समझ चुकी है कि जो पिछले डबल इंजन की रमन सरकार रही है वह बेरेल रही है जिसका कोई दशा थी न दिशा , शिवाय बर्बादी दुर्दशा के।आज प्रदेश में किसानों के चेहरे में मुस्कान है,नौजवान के हाथ में काम है और महिलाओं को बढ़ा सम्मान है।
सहकारिता प्रकोष्ठ अध्यक्ष व पूर्व सरपंच संघ अध्यक्ष रिवेंद्र यादव ने हाल के विधानसभा सत्र में किए अनुपूरक बजट में विभिन्न विभागों के लिए किए प्रावधान घोषणा पर स्वागत व धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि प्रदेश में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सरकार के प्रति एकबार फिर आम जनता व कर्मचारियों ,ग्रामीणों का विश्वास मजबूत हुआ है खासतौर पर आवासहीन ग्रामीण परिवारों के पक्के आवास हेतु पंचायत एवम् ग्रामीण विकास विभाग द्वारा करवाए सर्वे के आधार पर पात्र हितग्राहियों को राज्य सरकार अपने संसाधन से ग्रामीण आवास न्याय योजना की पहल से फिर एकदफा न्याय मिलेगा।