दुर्ग-भिलाई। नशे के खिलाफ दुर्ग पुलिस द्वारा “जिओ खुलकर” नशा मुक्त अभियान की शुरुआत हुई है। इस महामारी के खिलाफ लड़ाई में पुलिस ने सख्त कार्रवाई की है। कई थानों में गुंडों और बदमाशों को नशीली दवाओं की व्यापारिकता करते हुए पकड़ा गया है। पुलिस ने इस बदमाश की गतिविधियों को कई सालों तक निगरानी में रखा है। जब पुलिस को इसकी जानकारी मिली तो उसने इसे नशे की 1776 टेबलेट और 4 हजार रुपए नगद के साथ गिरफ्तार किया। दुर्ग के सीनियर पुलिस अधिकारी डॉ. शलभ सिन्हा ने बताया कि उन्होंने नशा मुक्ति अभियान चलाया और इस कार्रवाई के दौरान इस आरोपी को पकड़ा गया है। आरोपी शैलेष निर्मलकर (26 वर्ष) और चिरंजीवी गौतम (30 वर्ष) नेवई बस्ती के निवासी हैं और ये दोनों काफी समय से नशीली दवाओं की व्यापारिकता कर रहे थे। वे दोनों परमानंद यादव (41 वर्ष) बजरंग चौक मंदिर हसौद के निवासी के पास टेबलेट सप्लाई करने गए थे।
पुलिस द्वारा मुखबिर की जानकारी के आधार पर आरोपियों को बिना किसी परेशानी के गिरफ्तार कर लिया गया है। इन आरोपियों के खिलाफ धारा 21 (सी) एनडीपीएस एक्ट के तहत अपराध कायम करने का मामला विचाराधीन में लिया गया है। नगर एसपी सिटी, संजय ध्रुव ने बताया कि मंदिर हसौद से गिरफ्तार हुए आरोपी परमानंद यादव को 2005 में हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। उसके बाद उसे न्यायालय ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। इसके बाद उसे 2014 में जमानत पर रिहा कर दिया गया था। लेकिन फिर उसने मंदिर हसौद, रायपुर में नशीली दवा बेचने का काम शुरू कर दिया। पुलिस ने 2019 में फिर से उसे नशीली दवाओं की व्यापारिकता करते हुए गिरफ्तार कर लिया था।