सीमेंट प्लांट में 70 कामगारों से भरवाए स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति आवेदन, श्रमिकों का आरोप- दबाव बनाकर करवा रहे हस्ताक्षर

बलौदाबाजार। छत्‍तीसगढ़ के बलौदाबाजार जिले के अदाणी अंबुजा सीमेंट प्लांट रवान में कामगारों को जबरन स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति देने का मामला सामने आया है। कामगारों का आरोप है कि अन्य संयंत्रों में स्थानांतरित करने की धमकी देकर 70 लोगों से जबरन स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति आवेदन पर हस्ताक्षर लिए जा चुके हैं। प्रदेश सरकार के श्रम कानून की अवहेलना करते हुए 60 की जगह 57 या 58 वर्ष में सेवानिवृति दी जा रही है।

80 के दशक में जिले के रवान गांव में मोदी सीमेंट का इकलौता प्लांट लगा था, जो आज अदाणी सीमेंट के नाम से पूरे देश में कई संयत्रों के गु्रप में तब्दील हो चुका है। नाम नहीं छापने की शर्त पर प्लांट से निकाले गए एक कामगार ने बताया कि स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना के तहत स्थानीय कामगारों को ही नौकरी से निकाला जा रहा है।

इसके चलते आज की स्थिति में उनकी संख्या घटती जा रही है। इस प्लांट को स्थापित करने के लिए प्रबंधन द्वारा इस वचन के साथ जमीन खरीदी गई थी कि परिवार के किसी एक सदस्य को सदैव प्लांट में रोजगार उपलब्ध कराया जाएगा। नईदुनिया की ओर से इस संबंध में जब यूनिट हेड महावीर बोलिया से संपर्क किया गया तो उन्होंने इस विषय पर अनभिज्ञता जाहिर की।

50 प्रतिशत को हटाने की तैयारी

इस प्लांट में तीन दशक से लगभग 150 के आसपास श्रमिक स्थायी रूप से कार्यरत है। सूत्रों की माने तो वर्तमान प्रबंधन को 50 प्रतिशत श्रमिकों को स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति दिलाने का लक्ष्य दिया गया है। इसके लिए तमाम हथकड़े अपनाए जा रहे है। आवेदन भरवाने के बाद श्रमिकों को नो ड्यूज (अदेयता प्रमाण पत्र) आनन फानन में बनवा कर दिया जा रहा है।

एचआर हेड अंतरयामी शामल ने कहा, हम किसी को भी जबरन वीआरएस नहीं दे रहे है। यदि प्रबंधन के अन्य सयंत्रों में जरूरत है तो लोगों का स्थानांतरण भी किया जा सकता है। अभी तक किसी को भी अन्य सयंत्रों में नहीं भेजा गया है। 30 अप्रैल तक ही यह जानकारी दे पाएंगे कि कितने श्रमिकों को सेवानिवृत किया जा रहा है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You cannot copy content of this page