पीएचई विभाग पर लगे भ्रष्टाचार के आरोप, जांच कमेटी ने नहीं सौंपी रिपोर्ट, जिला पंचायत में गूंजा मामला

दुर्ग। दुर्ग जिला पंचायत में नए अध्यक्ष के चुनाव के बाद पहली बार सामान्य सभा का आयोजन किया गया. इस सामान्य सभा में शिक्षा कृषि एवं पीएचई विभाग से संबंधित प्रस्ताव लाए गए. इन विभागों में प्रस्तावित कार्यों की समीक्षा जिला पंचायत के सदस्यों ने की सामान्य सभा में पीएचई विभाग का मुद्दा गरमाया रहा दरअसल, साल 2022-23 में ग्रामीण क्षेत्रों के 31 पानी टंकीयों की सफाई, मोटर मशीन लगाने और संधारण के लिए पीएचई को जिला खनिज न्यास आए लगभग एक करोड़ रुपए की राशि स्वीकृत की गई थी. जिसमें प्रत्येक टंकीयों में तीन लाख की राशि से कार्य किया जाना था. लेकिन विभाग के अधिकारियों ने अपने चहेते ठेकेदारोंको काम देकर सिर्फ टंकीयों के संधारण की औपचारिकता पूरी कर ली. इस मामले में जब जिला पंचायत सदस्यों ने आपत्ति दर्ज कराई और कलेक्टर से इस पूरे कार्य की जांच की मांग की. जिसके बाद कलेक्टर पुष्पेन्द्र मीणा ने छः माह पूर्व जांच कमेटी बनाई. जिसमें लोक निर्माण विभाग के दो और पीएचई विभाग के एक अधिकारी को जांच रिपोर्ट सौंपने की जिम्मेदारी दी गई. लेकिन इन अधिकारियों ने भी जांच में लेटलतीफी करते हुए अब तक जांच शुरू ही नहीं की, जिसकी वजह से जांच रिपोर्ट कलेक्टर के समक्ष प्रस्तुत नहीं किए गए सोमवार को जब जिला पंचायत की सामान्य सभा में यह मामला फिर से गूंजा, तब अधिकारियों के कान खड़े हो गए हैं. अब फिर से इसकी जांच शुरू करने की हिदायत सदस्यों ने दी है. बैठक में जिला पंचायत अध्यक्ष पुष्पा यादव समेत समस्त जिला पंचायत सदस्य उपस्थित रहे. जिला पंचायत सदस्य पुष्पा यादव ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र में पानी टंकी की सफाई एवं संधारण के लिए प्रस्ताव तैयार कर भेजा गया था. लेकिन कार्य धरातल पर नजर नहीं आया, अब हमने इसकी जानकारी मांगी है

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