सीएम भूपेश बघेल सरगुल पर्व में हुए शामिल, बोले- आदिवासी संस्कृति से पूरी दुनिया ले सकती है प्रेरणा

मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि इस वर्ष 107 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी हुई है। हमने इस वर्ष फैसला किया है कि समर्थन मूल्य में धान की खरीदी 20 क्विंटल प्रति एकड़ दी जाएगी।

CM Bhupesh Baghel participated in Sargul festival in Ambikapur

अंबिकापुर 

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल गुरुवार को यहां पीजी कॉलेज मैदान में मूली पढ़हा उरांव समाज द्वारा आयोजित सरहुल परब में शामिल हुए। बघेल ने समाज प्रमुखों के साथ पारंपरिक रीति-रिवाज से खद्दी पूजा कर प्रदेश की जनता की खुशहाली व समृद्धि की कामना की। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि आदिवासी संस्कृति सबसे प्राचीन संस्कृति है और उसके अनेक गौरवशाली पंरपराएं तीज त्यौहार हैं,जिससे पूरी दुनिया प्रेरणा ले सकती है।


मुख्यमंत्री ने कहा कि आदिवासियों के जितने भी त्यौहार हैं वे सब प्रकृति से जुड़े हुए हैं। जीवन में कितने भी उतार चढ़ाव क्यों न आए हों, जैसे ही त्यौहार आता है, सभी खुशी से झूमने लगते हैं। उन्होंने कहा कि प्रकृति कि साथ जो जीता है, नाचता और गाता है उसी का नाम सरहुल है। प्रदेश की सांस्कृतिक विरासत को सहेजने के लिए हमारी सरकार काम कर रही है। जल जंगल जमीन को बचाने के लिए एक तरफ फारेस्ट राइट एक्ट के तहत पट्टा देने का काम वन अधिकार पट्टा, सामुदायिक पट्टा एवं वन संसाधन पट्टा दिया जा रहा है। बिगड़े वनों को सुधारने का काम किया जा रहा है। शहरों में हरियाली बढ़ाने व प्राचीन वृक्षों को बचाने के लिए कृष्ण-कुंज का निर्माण किया जा रहा है। हाल में ही मुख्यमंत्री वृक्ष संपदा योजना की भी शुरूआत की गई है ताकि निजी भूमि में भी कोई पेड़ लगाना चाहे तो उसे प्रात्साहित किया जा सके। इस योजना के तहत हमारा लक्ष्य 36 हजार एकड़ में पेड़ लगाने का है। 


किसानों का मान बढ़ा-

मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि इस वर्ष 107 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी हुई है। हमने इस वर्ष फैसला किया है कि समर्थन मूल्य में धान की खरीदी 20 क्विंटल प्रति एकड़ दी जाएगी। उन्होंने कहा कि राजीव गांधी भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना पूरे में छत्तीसगढ़ में ही लागू है और इसे बढाते हुए नगर पंचायत क्षेत्र में भी लागू कर दिया गया है।आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका, मितानिन, कोटवार, रसोइंया के मानदेय में वृद्धि की गई है। शिक्षित बेरोजगारों को आर्थिक सहायता प्रदान करने के लिए 2500 रुपये बेरोजगारी भत्ता देने की शुरूआत भी हो गई है।

 
गोबर खरीदी का मजाक उड़ाते थे लोग-

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने जब नरवा, गरवा, घुरवा योजना शुरू की एवं गोबर खरीदी की घोषणा की तो लोग इसका मजाक उड़ाते थे। अब वही गोठान व गोबर लोगों की आजीविका का अच्छा साधन बन गया है। गोबर की खरीदी कर लोगों को 49 करोड़ की राशि वितरण कर चुकी है।


4 साल में खोले 8 मेडिकल कॉलेज
बघेल ने कहा कि प्रदेश सरकार शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार और संस्कृति पर काम कर रही है।रमन सरकार ने 15 साल 4 मेडिकल कॉलेज ही खोले। हमारी सरकार ने 4 वर्षों में ही 8 मेडिकल कॉलेज खोल दिए हैं। हम सस्ती दवाई के लिए धनवंतरि योजना चला रहे हैं।

पर्यावरण का संरक्षक है आदिवासी समुदाय- भगत 
खाद्य मंत्री अमरजीत भगत ने कहा कि सरहुल पर्व मनाने वाला व जंगल पहाड़ में रहने वाले हमारे आदिवासी समाज पेड़ पौधा को अपना आराध्य मानते हैं।जनजाति जो प्रकृति की गोद में अपना जीवन-यापन करता है और उसी को अपना आराध्य मानता है। हमारा जनजाति समुदाय पर्यावरण का संरक्षक है। स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ.प्रेमसाय सिंह टेकाम व लुण्ड्रा विधायक डॉ प्रीतम राम ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया।

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