औद्योगिक हब पावर जिले में नव सीखिए अप्रशिक्षित चालको के हाथ में भारी वाहन की कमान देना सड़को में चलने वाले दूसरे लोगो पर भारी पड़ रहा है। दुर्घटनाओं का ग्राफ साल दर साल बढ़ रहा है। नेशनल हाइवे तथा राज्य की काली डामर सड़क दोनो लोगो के रक्त से लाल हो रही है। आलम यह है कि मौत का आंकड़ा भी चौकाने वाला सामने आ रहा है। चालू वर्ष में आंकड़े की बात करें तो लोगो की जान महज 95 दिन 179 हादसे में 108 लोग जान गवा चुके है।
जिले की सड़क दुघर्टनाओं के नाम से जाना पहचाना जाने लगा है । हादसों की वजह से लोगो को समय काल के आगोश में जाना पड़ रहा है। हादसे को रोकने के लिए यातायात विभाग भरकस प्रयास कर रहा है लेकिन जमीनी स्तर में यह विफल हो रहा है। जिसका जीता जागता उदाहरण हादसे के रिपोर्ट
आंकड़े पर से प्रतीत हो रहा है। इन हादसों के पीछे जिले में उद्योगों के आने के बाद भारी वाहनों की संख्या में व्यपाक स्तर में इजाफा हुआ है। यह सामने आया है यहां चलने वाली भारी वाहन मौत रूपी वारंट लेकर सड़को में दौड़ रही है, जिसका दंश छोटे व बाइक चालक को दुर्घटना में असमय काल के आगोश में समाकर चुकानी पड़ रही है। ऐसे में जिले में नए वर्ष 2023 में अब तक 108 लोगो की मौत हो चुकी है। जबकि बीते तीन साल में 917 लोग जान गवा चुके है। वही 1305 लोग चोटिल होकर अपाहिज व अन्य स्थिति जीवन जी रहे है। रिकार्ड के मुताबिक 70 फीसद हादसा भारी वाहन की चपेट में आकर लोग जान गवाए है।
इधर हादसे के बाद जहां कई परिवार अपने घर के चिराग को खोकर दंश झेल रहे है। लेकिन हादसे के बाद जिला प्रशासन व अन्य जिम्मेदार विभाग दुर्घटनाओं को रोकने के लिए सार्थक प्रयास करता नजर नही आ रहा है , केवल खानापूर्ति आश्वस्त तक ही सिमट रहा है।
ट्रिप पर मिलता है मेहनताना यही वजह है बन रहा है रेल मपेल रू नवसिखिये वाहन चालकों की वजह से सडक; दुर्घटनाओं में अधिकांश मौत भारी वाहनों के चपेट में आने से होती है। दिन में हो या फिर रात के समय भारी वाहन के चालक बेकाबू रफ्तार से गाि;यों का चालन करते हुए दुर्घटनाओं को अंजाम देते हैं। इसकी पुष्टि गाहे-बगाहे होने वाली सड;क दुर्घटनाओं से होती है। चालक दुर्घटना को अंजाम देने के बाद मौके से फरार हो जाते हैं जिसे पुलिस भी पकड़ने में विफल रहती है और फाइल को कुछ माह बाद बंद हो जाता है।
शहर से लेकर गांव में जब दुर्घटना होती है और इसकी जानकारी इंटरनेट मिडीया के माध्यम से होती है तो दिल को झंकझोर देता हैं। हादसा भयानक व विभत्स होता है। इन हादसे पर लगाम लगाने के लिए खराब सड़क से लेकर भारी वाहनो की गति पर नियंत्रण होना जरूरी है। सड़को में कई तरह के वाहन दौड़ते है जिसमे कोयला, फ़्लाई ऐश डस्ट व अन्य का परिवहन होती है यह बैगेर तिरपाल के साथ होती है। यह गलत है। क्योंकि ये उड़ते हुए सड़कों में सबसे अधिक दोपहिया वाहनधारी के लिए नुकसानदेह है। पुलिस व अन्य प्रशासनिक विभाग को भी दुघर्टना रोकने के लिए लापरवाही बरतने वाले ट्रांसपोर्टर व वाहन चालकों पर कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए।
-कविता बेरीवाल
दिव्य संस्था प्रमुख
जिले के सभी ब्लाक गांव की सड़क हो या फिर शहर के अंदर यहां दुर्घटनाओं का सिलसिला चल रहा है।
इन दुर्घटनाओं के मौत में हम केवल इंसानों की गिनती कर रहे हैं। पता नहीं हर दिन कितने बेजुवान मारे जा रहे हैं।
जिले में विकास के लिए जिस कदर उद्योग जगत बैठाया गया है मानो यह विकास के अंधे दौड; है। मानवीय दृष्टिकोण बदल गई है किसी को कोई असर नहीं पड;ता है जनप्रतिनिधी और प्रशासन के साथ साथ जनता भी मौन है। जिम्मेदारी पूर्वक जिम्मेदार अधिकारियो से लेकर कर्मचारियों को अपनी महती भूमिका निभाकर दायित्व पूरा करना चाहिए तब सड़क दुर्घटना में कमी आ सकती है।