छह महीने के मासूम बच्चे को जिंदा तालाब में फेंकने के मामले में पुलिस ने आरोपित महिला से पूछताछ की। बच्चे की मां ही मामले में आरोपित है। उसने पुलिस को बताया कि बच्चे का पिता उसे जीविकोपार्जन के लिए पैसे नहीं देता था। वह मानसिक रुप से परेशान रहने लगी। बड़ा होकर बच्चे का क्या होगा ? इस चिंता के कारण उसे तालाब में फेंकना बताया।
बच्चे के भविष्य की चिंता इसलिए फेंका तालाब में
मामले में एसपी दुर्ग डा. अभिषेक पल्लव ने पत्रवार्ता ली। पूछताछ में मालती यादव ने बताया कि वह डिलवरी के लिए अपने मायके नगपुरा आई थी। डिलवरी होने के बाद उसका पति हिर्री निवासी दिलीप कभी उसे लेने नहीं आया। यहां तक वह बच्चे के लालन-पालन के लिए पैसे भी नहीं भेजता था। इस बात से वह परेशान रहने लगी। बड़ा होकर बच्चे का क्या होगा यह चिंता उसे खाए जा रही थी। इसलिए उसने बच्चे को तालाब में फेंक दिया।
गौरतलब 31 मार्च की दरमियानी रात नगपुरा निवासी मालती यादव का छह महीने का बच्चा गायब हो गया था। दरअसल रात बच्चे की मां मालती यादव शौच के लिए गई थी। वापस आकर देखा तो बिस्तर से बच्चा गायब था। मालती ने अपनी मां को जगाकर इसकी जानकारी दी। दूसरे दिन पद्मनाभपुर पुलिस चौकी में गुम इंसान का मामला दर्ज कराया गया। एक अप्रैल को गांव के तालाब से बच्चे की लाश पानी में तैरते मिली। पुलिस ने मामले में अपहरण व हत्या का मामला दर्ज कर जांच शुरू की।
जांच के दौरान पुलिस ने नगपुरा में लगे सीसी टीवी फुटेज को खंगाला। सीसी टीवी फुटेज में रात तकरीबन 2 बजकर 40 मिनट में काले रंग की साड़ी पहने एक महिला बच्चे को कंधे पर ले जाती दिख रही है। पुलिस ने इस सीसी टीवी फुटेज को बच्चे के परिजन तथा गांव वालों को दिखाया। महिला की पहचान मालती यादव (बच्चे की मां) के रुप में हो गई। दरअसल 31 मार्च को गांव में जंवारा विसर्जन था। मालती की भाभी ने जंवारा विर्सजन में पहनने के लिए मालती को काले रंग की साड़ी दी थी। साड़ी के आधार पर मालती की पहचान कर ली गई। पुलिस ने मालती यादव को धारा 363, 364 तथा 302 के तहत गिरफ्तार कर लिया।