रायपुर। छत्तीसगढ़ के सभी क्षेत्रों में, रायपुर सहित, 22 से अधिक निजी पैरामेडिकल कॉलेज संचालित हो रहे हैं। इन कॉलेजों में 20 हजार से अधिक छात्र अपने भविष्य की दिशा में अपेक्षाएं रख रहे हैं। ये संस्थान वर्तमान में छात्रों को भ्रमित करके प्रवेश देने का कार्य कर रहे हैं। चिकित्सा शिक्षा विभाग से लेकर प्रशासन तक, प्रशासनिक सुरक्षा की वजह से इन प्रशासनिक उपकरणों ने अब तक कोई कार्रवाई नहीं की है। इस मामले में, जोगी कांग्रेस युवा मोर्चा ने राज्यपाल, मुख्यमंत्री, और स्वास्थ्य मंत्री सहित सभी उच्च अधिकारियों को शिकायत करके कार्रवाई की मांग की है।
प्रदेश में, किसी भी प्रकार के मेडिकल कोर्स के लिए मान्यता सिर्फ आयुष विश्वविद्यालय को ही प्राप्त होती है। हालांकि, राज्यभर में लैब अटेंडेंट, ओटी टेक्नीशियन, ड्रेसर, एक्सरे टेक्नीशियन आदि पैरामेडिकल कोर्स के नाम पर ऐसे संस्थान संचालित हो रहे हैं, जिनकी मान्यता विश्वविद्यालय द्वारा प्राप्त नहीं की गई है। सरकार को इस बारे में किसी भी प्रकार की सूचना नहीं हो रही है। इन संस्थानों द्वारा, कोर्स के नाम पर छात्रों को भ्रमित करके, मोटी फीस के खिलाफ प्रवेश दिया जा रहा है।
कुछ कॉलेज मध्य प्रदेश सहित अन्य राज्यों के विश्वविद्यालयों की मान्यता के आधार पर कोर्स संचालित कर रहे हैं, जो प्रदेश में अवैध हैं। इन कॉलेजों में प्रवेश के बाद सालाना 60-70 हजार रुपये का भुगतान लिया जाता है। प्रदेश के इन फर्जी पैरामेडिकल कॉलेजों में प्रवेश लेने वाले सैकड़ों छात्रों की परीक्षाएं दो सालों से होने से बंद हो गई हैं, और इसके खिलाफ संशय पुलिस तक पहुंची है, लेकिन कोई कार्रवाई अब तक नहीं हुई है।
परीक्षा नहीं, भटक रहे छात्र
जोगी कांग्रेस युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप साहू ने प्रेस कांफ्रेंस में इस मामले का खुलासा किया है कि अवैध पैरामेडिकल कॉलेज द्वारा फर्जी तरीके से प्रवेश दिए जा रहे हैं। प्रवेश के बाद, छात्रों को एक छोटे से कमरे में पढ़ाई कराई जाती है, जहां प्रविष्टि व्यवस्था नहीं होती है और स्टाफ भी नहीं होता। उन्हें परीक्षा के लिए दूसरे राज्यों में भेज दिया जाता है।
इन संस्थानों द्वारा पिछले तीन से पांच वर्षों में कोई भी परीक्षा आयोजित नहीं की गई है। इस तरह की स्थिति में, छात्रों को परेशान होकर अपनी पढ़ाई अधूरी छोड़कर आत्महत्या तक मजबूर होना पड़ रहा है। जोगी कांग्रेस के सदस्य राजा राज बंजारे, नावेद कुरैशी, अविनाश साहू, तरुण सोनी, राज नायक ने बताया है कि इस मामले की शिकायत शासन स्तर पर की गई है।
प्रदेश के सिर्फ इन सात निजी संस्थानों को पैरामेडिकल कोर्स की मान्यता
-चंदूलाल चंद्राकर मेमोरियल हास्पिटल, भिलाई
-रायपुर इंस्टिट्यूट आफ मेडिकल साइंसेस, भानसोज, रायपुर
-श्री बालाजी इंस्टीट्यूट आफ पैरामेडिकल मोवा, रायपुर
-श्री शंकराचार्य इंस्टिट्यूट आफ मेडिकल साइंस, जुनवानी, भिलाई
-वीवाय इंस्टिट्यूट आफ मेडिकल सांइसेस, रायपुर
-किश्चयन पैरामेडिकल कालेज धमतरी
-अपेक्स इंस्टिट्यूट आफ पैरामेडिकल, रायगढ़