अंबिकापुर। मैनपाट के पथरई में गाज की चपेट में आने से छह मवेशियों की मौत हो गई। पिछले पांच दिनों में मैनपाट में गाज से एक ग्रामीण और कुल 11 मवेशियों की मौत हो चुकी है। खेती के सीजन में मवेशियों की मौत से पशुपालक चिंतित हैं। राजस्व विभाग की ओर से प्राकृतिक आपदा मद से मुआवजा राशि देने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
जानकारी के अनुसार, ग्राम पथरई के निवासी पारस यादव ने दैनिक आदत के अनुसार भैंस और भैंसा को खुले में घर के पास बांध रखा था। अप्रत्याशित मौसम के बावजूद, उनके पास मवेशियों को सुरक्षित रखने के लिए कोई व्यवस्था नहीं थी। रात को, गरज-चमक और तेज बारिश के साथ ही आई गाज गिरी, ऐसा बताया जा रहा है।
गाज की चपेट में आने से छह मवेशियों की मौत हो गई, जो की घटनास्थल पर ही हुई। इस सीजन में मैनपाट में गाज गिरने की घटनाएं लगातार हो रही हैं। इससे पहले भी पांच मवेशियों और एक व्यक्ति की मौत हो चुकी थी। इसके कारण ग्रामीण भयभीत हैं। यह बताना आवश्यक है कि मैनपाट पहाड़ी क्षेत्र पर स्थित है।
गाज गिरने की घटनाएं लगातार होती रहती हैं। इस क्षेत्र की ऊँचाई पर स्थित होने के कारण गाज के लिए यहां आदर्श परिस्थितियाँ बनती हैं। यह क्षेत्र गाज के लिए अत्यंत संवेदनशील है। गाज से बचाव के लिए कुछ वर्ष पहले तड़ित चालकों को लगाने के लिए बड़ी राशि खर्च की गई थी। एक पहल शुरू करके शासकीय भवनों में तड़ित चालकों की स्थापना की गई थी, लेकिन यह कार्य उचित ढंग से संपन्न नहीं हुआ।