लगभग आधे भारत में मानसून की बारिश शुरू हो चुकी है और कई जगहों पर हालात ऐसे हो गए हैं, जैसे ये बारिश काफी दिनों से हो रही है. पहली मानसून वर्षा के साथ ही इसका प्रकोप दिखना शुरू हो गया है। थोड़े दिनों की देरी के बावजूद, मानसून की धमाकेदार एंट्री हो चुकी है। इसके साथ ही कहीं सैलाब के प्रकोप भी जारी है और कहीं बादलों ने लोगों को भीषण गर्मी से राहत दी है, लेकिन बाढ़ बारिश की इस शुरुआत को किसी ने सोचा नहीं था। अब आप अंदाजा लगा सकते हैं कि देश के कई राज्यों में मानसून की पहली बारिश ने क्या हालात पैदा किया है, और आने वाले दिनों में क्या होगा, क्योंकि मानसून का पूरा सीजन अभी बाकी है।
बारिश ने हिमाचल में बरपाया कहर
हिमाचल प्रदेश के मंडी में बादलों की फटने के बाद बाढ़ जैसी स्थिति हो गई है और पानी का बहाव काफी तेज हो गया है। पानी की धारा इतनी तेज है कि मिट्टी, पत्थर और मलबा सबकुछ बहता चला गया है। मंडी में ही नेशनल हाईवे 3 पर बारिश ने इस कदर कहर बरपाया है कि जगह-जगह लैंडस्लाइड और फ्लैशलाइट की घटनाएं सामने आई हैं, जिसके बाद सड़कों पर दूर-दूर तक ट्रैफिक जाम लग गया है।
मौसम विभाग ने पहाड़ों के लिए जारी किया अलर्ट
भारी बारिश के बीच पहाड़ों पर मौसम विभाग (IMD) ने उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश के कई जिलों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। उत्तराखंड के नैनीताल, चंपावत, पिथौरागढ़, बागेश्वर, देहरादून, टिहरी और पौडी जिलों के लिए बारिश का ऑरेंज अलर्ट है, जबकि हिमाचल प्रदेश के चंबा, कांगड़ा, कुल्लू, शिमला, सिरमौर और मंडी जिलों में भारी बारिश की आशंका है। इन सभी इलाकों में लोगों को सावधान रहना चाहिए।
यूपी के बिजनौर में बह गया गंगा पुल का अप्रोच
उत्तर प्रदेश में भी भारी बारिश का प्रकोप शुरू हो गया है और बिजनौर में हुई बेहतरीन बारिश के बाद गंगा पुल का अप्रोच बह गया है। इसके कारण मेरठ और बिजनौर के रास्ते में बाधा पैदा हो गई है। पहले भी इस अप्रोच में कई बार टूटने की घटना हो चुकी है।
जम्मू-कश्मीर में बंद करने पड़े स्कूल
जम्मू और कश्मीर के सभी क्षेत्रों में मानसून सक्रिय हो चुका है और वहां पर बारिश व्यापक रूप से हो रही है। श्रीनगर में बारिश के कारण लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है और कई इलाकों में हालात इतने खराब हो गए हैं कि यहां पर स्कूलों को बंद कर दिया गया है। लोगों से अपील की गई है कि भूस्खलन की आशंका वाले क्षेत्रों में जाने से बचें।
राजस्थान में भी दिखा बारिश का कहर
बारिश का प्रभाव केवल पहाड़ों तक सीमित नहीं है, बल्कि इसका प्रभाव देश के कई राज्यों में भी दिखाई दे रहा है। राजस्थान के श्रीगंगानगर में हो रही बारिश के प्रभाव से यहां की सड़कों पर परेशानी महसूस की जा रही है। पूरे जिले के मुख्यालय में पानी जमा हो गया है और पानी निकासी की व्यवस्था को संभालने के लिए प्रशासन के सभी प्रयास असफल रह रहे हैं। जानकारी के अनुसार, श्रीगंगानगर में कल शाम से प्री-मानसून सक्रिय हो गया है और इसके साथ ही बारिश का दौर शुरू हो गया है।
गुजरात में हाईवे पर भरा पानी
गुजरात के कई इलाकों में भारी बारिश हो रही है और मोडासा संभाजी हाईवे पर बारिश के पानी ने सब कुछ भर दिया है। यहां बारिश इतनी तेज हुई है कि हाईवे पर बने नालों में पानी जमा हो गया है और कुछ ही समय में बारिश का पानी हाईवे पर छाया जा रहा है। नाडियाड में भी बारिश कई घंटे तक हुई और कई इलाके पूरी तरह से पानी में डूब गए हैं। बारिश के बाद, एक अंडरपास में फंसी हुई बस पानी में चली गई, लेकिन धन्यवाद की बात यह है कि आसपास मौजूद लोगों ने बच्चों को एक-एक करके रेस्क्यू किया है।
असम में बिगड़ती जा रही बाढ़ की स्थित
असम के बारपेटा में ब्रह्मपुत्र नदी समेत उसकी सहायक नदियों का जलस्तर बढ़ने से बाढ़ की स्थिति बिगड़ रही है। जब लोग अपने घरों से बाहर निकलते हैं, तो वे देखते हैं कि दो फीट से अधिक पानी हो गया है। असम में कई जगहों पर सड़कें डूब चुकी हैं। बाढ़ और मूसलाधार बारिश ने असम के 22 जिलों को परेशान कर दिया है। असम में उफनती लहरों ने लाखों आवासों को अपनी गोद में समेट लिया है। कुछ लोगों को अपने घरों को छोड़कर बचाने के लिए छोड़ना पड़ रहा है, जबकि कुछ लोग सैलाब में अटके रहने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। हर जगह पानी के बीच कब्जा जमा हुआ है और जीवन मुश्किलों से भरा हुआ है। रिपोर्ट के मुताबिक, असम के 22 जिलों में बाढ़ ने विनाश का कारण बना दिया है और लगभग 5 लाख लोग सैलाब में फंसे हुए हैं। हालात इतने बिगड़ते जा रहे हैं कि रेस्क्यू के लिए एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और सेना के बल तैनात किए गए हैं।
मुंबई में दरिया बन चुकी हैं सड़कें
मानसून के साथ ही मुंबई में सड़कें दरिया बन गई हैं। गाड़ियों की रफ्तार धीमी हो गई है और लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। मुंबई के दहिसर, किंग सर्कल और सायन में जबरदस्त बारिश के बाद सड़कें पानी से भर गई हैं। अगले 72 घंटों तक, मुंबई के लोगों को बारिश और जलभराव का सामना करना होगा क्योंकि मौसम विभाग ने येलो अलर्ट जारी करते हुए तीन दिनों तक तेज बारिश की भविष्यवाणी की है।