कभी मुश्किल से होता था दो वक्त का गुजारा, फिर पलटी ऐसी किस्मत, चमका एक्टर का सितारा

एक्टर सुरेश ओबरॉय ने अपनी लाइफ में खूब स्ट्रगल देखा है. किसी जमाने में एक्टर के पास दो वक्त की रोटी का मुश्किल से गुजारा होता था. फिर एक फिल्म ने ऐसी किस्मत पलटी कि आज एक्टर करोड़ों के मालिक हैं. 

80 के दशक में सपोर्टिंग और विलेन दोनों किरदारों को निभाकर फिल्मी दुनिया में पहचान बनाने वाले एक्टर सुरेश ओबरॉय ने अपने जीवन में एक समय पर बहुत स्ट्रगल देखी है। सुरेश ओबरॉय आज करोड़ों के मालिक होंगे, लेकिन पहले वह एक्टर को दाल-चावल खाने को भी नहीं मिलता था। कभी रोटी-चीनी के लिए संघर्ष करते रहे हैं, कभी भूखे रहकर दिन बिताए हैं। सुरेश ओबरॉय ने एक इंटरव्यू में बताया है कि उनका जन्म क्वेटा में हुआ था, जो अब पाकिस्तान का हिस्सा है, और पार्टिशन के समय वह और उनका परिवार भारत आए थे। उस समय उन्होंने रिफ्यूजी कैंप में अत्याचारों का सामना किया है।

करोड़ों का बिजनेस पीछे छोड़ परिवार आया था भारत!

सुरेश ओबरॉय ने अपने अनुभवों के माध्यम से अपनी स्ट्रगल स्टोरी को साझा किया है और कहा है कि उनके पिता का पाकिस्तान में करोड़ों का व्यापार था, लेकिन पार्टिशन के समय सब कुछ पीछे छोड़ दिया गया। भारत आकर रिफ्यूजी कैंप में जीवन कठिनाइयों से भरा रहा। फिर पिता ने कुछ कसरत करते हुए पाकिस्तान वापस जाने का निर्णय लिया और वहां मुस्लिम बनकर कुछ समय बिताया। सुरेश ओबरॉय ने बताया कि पिता ने पाकिस्तान में व्यापार और संपत्ति को बेच दिया और फिर भारत लौट आए। इससे उनके हालात थोड़े सुधरे हैं।

इस फिल्म के बाद पलटी किस्मत!

सुरेश ओबरॉय ने अपने करियर की शुरुआत रेडियो शो से की थी, जहां से उन्होंने मॉडलिंग का सफर आरंभ किया। इसके बाद उन्होंने फिल्म इंडस्ट्री में कदम रखा। साल 1977 में सुरेश ओबरॉय की पहली फिल्म “जीवन मुक्त” रिलीज हुई, जिसके बाद उन्हें 1980 में रिलीज हुई फिल्म “एक बार फिर” में लीड रोल में देखा गया। सुरेश ओबरॉय ने अपने करियर के प्रारंभिक दिनों में लीड रोल्स किए, लेकिन सफलता उन्हें सपोर्टिंग और विलेन किरदारों में ही मिली।

अमिताभ-मिथुन के जमाने में मुश्किल से जमाए पैर!

फिल्मों में जैसे “लावारिस”, “विधाता”, “कामचोर”, “नमक हलाल” और “राजा हिंदुस्तानी”, सुरेश ओबरॉय (Suresh Oberoi) के किरदारों ने अपनी अलग-अलग पहचान बनाई। सुरेश ओबरॉय ने अपने एक इंटरव्यू में बताया था कि जब उन्होंने बॉलीवुड में कदम रखा था, तब अमिताभ बच्चन और मिथुन चक्रवर्ती जैसे अभिनय कलाकारों का प्रमुख स्थान था। इस दौरान उन्हें अपनी जगह बनाने के लिए काफी मेहनत करनी पड़ी।

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