शिक्षक छात्राओं से बनवा रहे थे चाय, छात्राओं ने कहा – मेहमानों के आने पर भी बनवाते हैं

गरियाबंद .

जिले की शिक्षा व्यवस्था एक बार फिर शिक्षकों की लापरवाही के कारण सुर्खियों में है। इस बार मामला स्कूल में पढ़ने आने वाले बच्चों से पढ़ाई के समय में काम कराने को लेकर है। पूरा मामला सामने आने के बाद पालकों में रोष, और आमजनों में भी स्कूल प्रबंधन के खिलाफ खासी नाराजगी देखने को मिली।

मामला जिले के फिंगेश्वर ब्लाक के अंतर्गत आने वाले शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला सहसपुर का है। जहां सोमवार को बच्चों से स्कूल के शिक्षक चाय बनवाते हुए पाए गए। मीडियाकर्मी किसी कार्य से अचानक स्कूल पहुंचे, तो उन्होंने देखा कि पढ़ाई के समय बच्चे खेल रहे थे और शिक्षक बाहर टहल रहे थे। अन्य कक्षाओं में देखा तो कक्षा सातवीं और आठवीं की छात्राएं चाय बना रही थी। मीडियाकर्मियों को देख बच्चे वापस अपनी-अपनी जगह पर बैठ गए। फिर उनके द्वारा बुलाए जाने पर पास आए उन्होंने जब पूछा कि चाय किसके लिए बना रहे थे, तो दो छात्राओं ने बताया कि शिक्षक डिहू राम साहू के कहने पर चाय बना रहे थे

शिक्षक ने कहा कभी-कभी बनवाते हैं चाय

इस बारे में पूछने पर शिक्षक बिहू राम साहू ने कहा कि कभी-कभार बच्चों से चाय बनवा लेते हैं। इस पूरी घटना के दौरान प्रधानपाठक स्कूल में उपस्थित नहीं थे। घटना की जानकारी होने पर वे आनन-फानन स्कूल पहुंचे। जब उनसे पूछा गया कि आपकी शाला में बच्चों से चाय बनवाई जाती है, तो उनका कहना था कि सफाईकर्मियों से चाय बनवाते हैं। कभी-कभार बच्चों से भी बनवा लेते हैं।

छात्राओं ने कहा – मेहमानों के आने पर भी बनवाते हैं चाय

छात्राओं ने बताया कि यह एक-दो दिन की बात नहीं है। स्कूल में किसी मेहमान के आने पर भी उनके लिए भी चाय बनवाई जाती हैं। जिस संस्थान में बच्चों के हाथों में कलम-किताब होनी चाहिए, वहां शिक्षक बच्चों से इलेक्ट्रानिक इंडक्शन से चाय बनवाते है। ब्लैक बोर्ड के सामने टेबल के ऊपर कुर्सी पर इंडक्शन और जग रख कर चाय बनाया जा रहा था। बच्चों को डर लगता है कि कहीं गर्म चाय उनके ऊपर गिर ना जाये।

जांच के बाद होगी कार्रवाई

घटना की जानकारी ब्लाक शिक्षा अधिकारी रामेंद्र जोशी को दी गई, तो उन्होंने कहा कि आपके माध्यम से ही जानकारी मिली है। इस मामले को लेकर जांच करवाता हूं और जो भी बिंदु आएंगे, उसके तहत कड़ी कार्रवाई की जाएगी। वही इस पूरी घटना को लेकर जिला शिक्षा अधिकारी ने भी काफी नाराजगी जताई है, उनका कहना है कि इस तरह की हरकत शैक्षणिक संस्थान में कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। बीते दिनों मैंने एक पत्र जारी करके सभी स्कूलों में यह आदेश दिया था कि बच्चों से प्रतिबंधित कार्य न कराया जाएं और अगर इस तरह की कोई भी शिकायत प्राप्त होती है, तो उनके ऊपर नियमानुसार कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी ।

इस मामले में गरियाबंद जिला शिक्षा अधिकारी डी एस चौहान का कहना है कि मामला मेरे संज्ञान में आया है, जिस तरह की शिकायत प्राप्त हुई है, बिल्कुल गलत है। शिक्षा के संस्थान में बच्चे पढ़ने आते हैं। उनसे किसी तरह का कोई भी कार्य कराना निंदनीय है। ब्लाक शिक्षा अधिकारी के जांच रिपोर्ट आने के बाद मैं खुद इस पर कड़ी कार्रवाई के लिए ज्वाइंट डायरेक्ट को पत्र भेजूंगा।

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