रायपुर। छत्तीसगढ़ देश का मिलेट हब बन रहा है। यहां राज्य सरकार मिलेट की खेती को प्रोत्साहन देने के परिणामस्वरूप किसानों का रुझान कोदो, कुटकी और रागी की खेती की ओर तेजी से बढ़ रहा है। राज्य में मिलेट की खेती को बढ़ावा देने के लिए मिलेट मिशन भी शुरू किया गया है। छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज संघ द्वारा वर्ष 2021-22 में 16.03 करोड़ रुपये के 5 हजार 273 टन मिलेट और वर्ष 2022-23 में 39.60 करोड़ रुपये के 13 हजार 05 टन मिलेट समर्थन मूल्य पर खरीदा गया है। राज्य में खरीफ वर्ष 2023 में मिलेट्स की खेती का रकबा 96 हजार हेक्टेयर से बढ़ाकर 01 लाख 60 हजार हेक्टेयर करने का लक्ष्य रखा गया है।
भूपेश बघेल, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री, द्वारा मिलेट्स की खरीदी समर्थन मूल्य पर विशेष पहल की जा रही है। छत्तीसगढ़ देश का एकमात्र राज्य है, जहां कोदो, कुटकी और रागी को समर्थन मूल्य पर खरीदा जा रहा है, इसके साथ ही इसके वैल्यू एडिशन का भी काम चल रहा है। राज्य सरकार द्वारा कोदो-कुटकी की समर्थन मूल्य को 03 हजार प्रति क्विंटल और रागी की खरीदी को 3 हजार 377 रूपए प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है। पिछले सीजन में किसानों ने समर्थन मूल्य पर 34 हजार 298 क्विंटल मिलेट्स को 10 करोड़ 45 लाख रुपये में बेचा था।
बल्लूराम ने रागी की खेती से कमाए 68 हजार रूपए
डोंगरगांव विकासखंड के ग्राम अमलीडीह के किसान श्री बल्लूराम ने राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत धान की जगह पर 1 हेक्टेयर में रागी की फसल उगाई है। इसमें शासन की महत्वाकांक्षी गोधन न्याय योजना के अंतर्गत तैयार वर्मी कम्पोस्ट का उपयोग किया गया है और रागी फसल के बीज भी किसान को निःशुल्क उपलब्ध कराए गए हैं। इसके बाद फसल कटाई के बाद 12 क्विंटल उत्पादन हुआ है और बिक्री करके उन्हें 68 हजार रुपये की आय प्राप्त हुई है। बल्लूराम ने बताया कि लागत और मुनाफे की तुलना में उनकी परंपरागत धान की फसल के मुनाफे से लगभग डेढ़ गुना अधिक प्राप्त हुआ है। अब वे हर वर्ष अधिक से अधिक रकबे में रागी की फसल उगाएंगे।
पोषक तत्वों से भरपूर है मिलेट्स
देश के कई आदिवासी इलाकों में मोटे अनाज का इस्तेमाल प्राचीनकाल से ही हो रहा है। इसका सेवन स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद होता है, इसलिए अब दूसरे इलाकों में भी इन अनाजों का उपयोग बढ़ता जा रहा है। विशेषज्ञों के अनुसार, कोदो, कुटकी और रागी को प्रोटीन और विटामिन से भरपूर अनाज माना जाता है। इसके सेवन से शुगर और बीपी जैसे रोगों में लाभ मिलता है। सरगुजा और बस्तर के आदिवासी संस्कृति और आहार में कोदो, कुटकी, रागी जैसी फसलों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है।
छत्तीसगढ़ को मिल चुका है राष्ट्रीय अवार्ड
जरूरत पड़ती है कि छत्तीसगढ़ राज्य को मिलेट्स की खेती को बढ़ावा देने के मामले में राष्ट्रीय स्तर का पोषक अनाज अवार्ड 2022 सम्मान प्राप्त हुआ है। राज्य ने मिलेट्स के उत्पादन को बढ़ाने के लिए इसे राजीव गांधी किसान न्याय योजना में शामिल किया है। मिलेट्स के उत्पादक किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए प्रति एकड़ से 9 हजार रुपये की आदान-प्रदान सहायता भी दी जा रही है। मिलेट्स की खेती में कम पानी और कम खाद की आवश्यकता होती है। इसके परिणामस्वरूप, इसकी खेती में लागत बहुत कम होती है और उत्पादक किसानों को अधिक लाभ प्राप्त होता है।
14 जिलों में मिलेट की होगी हाई-टेक खेती
राज्य में मिलेट की खेती को प्रोत्साहन देने, किसानों को प्रशिक्षण प्रदान करने, उच्च क्वालिटी के बीज की उपलब्धता सुनिश्चित करने और उत्पादकता में वृद्धि को ध्यान में रखते हुए राज्य में मिलेट मिशन संचालित है। 14 जिलों ने आईआईएमआर हैदराबाद के साथ छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज संघ के प्रयास से मिलेट मिशन के अंतर्गत त्रिपक्षीय एमओयू भी स्थापित किया है। छत्तीसगढ़ मिलेट मिशन के तहत मिलेट की उत्पादकता को प्रति एकड़ 4.5 क्विंटल से बढ़ाकर 9 क्विंटल, अर्थात् दोगुना, बढ़ाने का लक्ष्य भी रखा गया है।