भिलाई। भिलाई समाचार: छत्तीसगढ़ के भिलाई इस्पात संयंत्र के हार्टिकल्चर विभाग द्वारा प्रचालित मैत्रीबाग में गर्मी से वन्य प्राणियों की सुरक्षा के लिए कई उपाय अपनाए जा रहे हैं। उन्होंने वन्य प्राणियों को शीतल रखने के लिए उन्हें नियमित अंतराल पर स्नान कराना शुरू किया है। इसके साथ ही, उनके आवास के आस-पास फव्वारे और स्प्रिंकलर से पानी का छिड़काव भी किया जा रहा है। व्हाइट टाइगर के आवास की जाली में खास ध्यान दिया जा रहा है। बंदरों और पक्षियों के केज को हरे रंग की जाली से आवरित किया गया है।
मैत्री बाग के जू में 390 से अधिक वन्य प्राणी
मैत्री बाग के जू में वर्तमान में 390 से अधिक वन्य प्राणी आपस में रखे गए हैं। इन वन्य प्राणियों को एक जंगली माहौल प्रदान करने के लिए विभिन्न व्यवस्थाएं की गई हैं। इसके साथ ही, मौसम के अनुरूप उन्हें सुरक्षित रखने के लिए अलग-अलग पहल की जाती है। वर्तमान में गर्मी के मौसम को ध्यान में रखते हुए, यहाँ पर वन्य प्राणियों को शीतल रखने और उनके केज का तापमान कम करने के लिए विभिन्न व्यवस्थाएं की गई हैं।
व्हाइट टाइगर के केज में लगे ग्रिल में खस लगाया गया है। इन्हें 3 से 4 घंटे के अंतराल में पानी से भिगोया जाता है। इसी प्रकार, भालू के केज में कृत्रिम झरना बनाया गया है। बब्बर शेर के आवास के नहर में पानी छोड़ा गया है। मैत्री बाग में हिरण और बारहसिंगा के लिए फव्वारा और स्प्रिंकलर का इंतजाम किया गया है। यहाँ पर हिरण और बारहसिंगा के झुंड को आपस में खिलवाड़ करते हुए देखा जा सकता है।
मैत्री बाग के जू में विभिन्न प्रजातियों के पक्षियों को भी संजोया गया है। इसके साथ ही, विभिन्न प्रजातियों के बंदरों को भी रखा गया है। उनके आवास को अलग से तैयार किया गया है। इसके आसपास हर तरफ से हरे रंग की जाली लगाई गई है जो उन्हें गर्मी से बचाने में मदद करती है। साथ ही, नियमित अंतराल पर ग्रीन नेट पर पानी की बौछार भी की जाती है, जिससे वहां का तापमान कम रहता है।
मैत्रीबाग के प्रभारी, डा. एनके जैन ने बताया कि वन्य प्राणियों को तेज गर्मी से बचाने के लिए इस प्रकार की व्यवस्था की गई है।