लोगों के लिए निवेश का मौका: कमल विहार में बड़े कमर्शियल प्लॉट को छोटा कर बेचेंगे, 80 करोड़ तक की होगी इनकम।

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कमल विहार में जमीन खरीदने के लिए लोगों को और नए मौके मिलेंगे। कमल विहार की कुछ जमीन को शैक्षणिक जमीन पर बदला जा रहा है। इसके अलावा सेक्टर 02, 04, 06, 8ए एवं 10 में इंफ्रास्ट्रक्चर को जस का तस रखते हुए यानी जो जगह डेवलप हो गई है वहां 25 बड़े सेक्टर लेवल के कमर्शियल प्लॉट को काटकर 170 छोटे कमर्शियल प्लॉट बनाए जाएंगे।

अफसरों का मानना है कि बड़े प्लॉट के बजाय छोटे प्लॉट की बिक्री जल्दी होती है। इन सभी जमीनों के लैंडयूज बदलने के लिए आवास एवं पर्यावरण की विभाग की ओर से 22 मई को न्यू सर्किट हाउस में जनसुनवाई का भी आयोजन किया गया था। बताया जा रहा है कि इसमें एक भी आपत्ति नहीं मिली है। इसलिए आरडीए के इस प्रस्ताव को शासन से मंजूरी मिलना भी तय है।

आरडीए ने अपनी जमीन का लैंडयूज चेंज करने के साथ ही बड़े प्लॉट को छोटे प्लॉट में बदलने के लिए शासन से मंजूरी मांगी थी। इसका प्रस्ताव पहले ही भेजा जा चुका था। आरडीए के इस प्रस्ताव पर जनसुनवाई अब कराई गई है। एक भी आपत्ति नहीं मिलने की वजह से अब शासन से मंजूरी मिलने के साथ ही आरडीए इन जमीनों की बिक्री के लिए सूचना जारी करेगा।

इस जमीनों से मिलने वाली आय से कमल विहार का लोन भी चुकाया जाएगा। आरडीए अफसरों का कहना है कि कमल विहार के लिए जो लोन लिया गया था, वह बहुत ज्यादा अदा हो गया है। जल्द ही कमल विहार पूरी तरह से लोन फ्री हो जाएगा। इस नए प्लॉट की बिक्री से आरडीए को एक बड़ी राशि मिलेगी। इससे जो भी बाकी लोन होगा, उसकी भी अदायगी की जा सकेगी।

70 से 80 करोड़ की होगी आय, लोन भी 115 करोड़ बाकी

शासन से मंजूरी मिलने के बाद नए कमर्शियल जमीनों को बेचने पर आरडीए को 70 से 80 करोड़ रुपए तक की इंकम होगी। कमल विहार का निर्माण करने के लिए आरडीए ने 2010 में 500 करोड़ और 2015 में 100 करोड़ का कर्ज लिया था। कमल विहार, जो 1600 एकड़ में फैला है, में कालोनी बसाने के लिए बड़े प्लॉटों को काटकर 2015 में ही इसकी बिक्री शुरू की गई थी।

उस समय भी बड़े प्लॉट खरीदने में लोगों ने दिलचस्पी नहीं दिखाई थी। बाद में आवासीय प्लॉट को भी छोटा कर बेचा गया था। उसके बाद लगातार प्लॉट की बिक्री के बाद बैंक लोन का चुकता हो गया। हालांकि, अभी भी अफसरों का कहना है कि कमल विहार पर 115 करोड़ का लोन शेष है। नए कमर्शियल प्लॉट बिकने पर यह लोन भी समाप्त हो जाएगा। इस प्लॉट की बिक्री में तेजी से बढ़ोतरी की जा सकती है क्योंकि कई व्यापारिक संगठन, जैसे एमजी रोड इलेक्ट्रॉनिक्स संघ और आरडीए फूल चौक संघ, ने पहले ही आरडीए को नए प्लॉट खरीदने के लिए प्रस्ताव रखा है।

जनसुनवाई में एक भी आपत्ति नहीं मिली है। शासन से मंजूरी मिलने के बाद, आरडीए बड़े कमर्शियल प्लॉट को छोटा करके बेचेगा। इससे कमल विहार के लोन का भी अदा हो जाएगा।

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