इस क्रूरता के लिए उन्हें उम्रकैद की सजा सुनाई गई है, साथ ही 56 हजार रुपये का जुर्माना भी लगा दिया गया है।
गाज़ियाबाद: पाक्सो एक्ट तेंद्र पाल की अदालत ने एक पिता को उम्रकैद की सजा सुनाई, जिन्होंने अपनी बेटी के साथ दुष्कर्म किया था। साथ ही, अदालत ने उसे 56 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। इसके अलावा, अदालत ने जुर्माना राशि में से 50 प्रतिशत रकम को पीड़िता को दिए जाने का भी आदेश दिया है।
गाजियाबाद, जागरण संवाददाता।
मोदीनगर थाना क्षेत्र में एक पिता को उसकी बेटी के साथ दुष्कर्म करने के आरोप में विशेष न्यायाधीश पाक्सो एक्ट तेंद्र पाल की अदालत ने बुधवार को उम्रकैद की सजा सुनाई। इस मामले में अदालत ने उस पर 56 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। जुर्माना राशि में से 50 प्रतिशत रकम को पीड़िता को दिए जाने के आदेश भी अदालत ने जारी किए हैं। इस मामले में पीड़िता की गवाही महत्वपूर्ण साबित हुई है।
मां के बाहर जाने पर करता था दुष्कर्म
विशेष लोक अभियोजक उत्कर्ष वत्स ने बताया कि मोदीनगर में एक किशोरी अपने स्वजन के साथ रहती थी। तीन जनवरी 2020 को किशोरी ने अपनी मां को बताया कि उनके घर के बाहर जाने पर उसके पिता उसके साथ दुष्कर्म कर रहे हैं। इसके बाद से पिछले 15 दिनों से उसने जान से मारने की धमकी देते हुए ऐसा कर रहा था।
शिकायत के बाद पिता की हुई गिरफ्तारी
पीड़िता की मां ने तीन जनवरी को ही मोदीनगर थाने में शिकायत की। पुलिस ने उसकी शिकायत पर एफआईआर दर्ज कर और पीड़िता के पिता को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया। अभियोजक ने कुल सात गवाहों की गवाही पेश की। बुधवार को सजा के दौरान, विशेष लोक अभियोजक ने दलील दी कि यह घटना बेहद गंभीर प्रकरण है। पीड़िता अपने पिता को नायक के रूप में देखती है और बेटियाँ पिता के लिए सामाजिक लड़ाई लड़ती हैं।
लिहाजा बेटी से दुष्कर्म करने वाले पिता को कठोर सजा दी जानी चाहिए। अगर दोषी पिता को कम सजा मिलती है या उसे छूट मिलती है, तो यह समाज के लिए घातक होगा और गलत संदेश जाएगा। बचाव पक्ष ने बचाव के लिए अपनी दलील पेश की। दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद, अदालत ने दोषी पिता को उम्रकैद की सजा सुनाते हुए जुर्माना भी लगाया।