ईडी कार्रवाई पर भड़के विधायक देवेन्द्र यादव, बताया कैसे कर रही है परेशान, सैलरी को भी ईडी ने कर दिया अटैच

भिलाई । भिलाई नगर विधायक देवेन्द्र यादव ईडी की कार्रवाई को लेकर हमलावर है। खासकर उनकी मां को समन भेजे जाने को लेकर ईडी की संपूर्ण कार्यप्रणाली पर सवाल उठा रहे हैं। विधायक देवेन्द्र यादव ने गुरुवार को एक बार फिर पत्रकारों के सामने ईडी की कार्रवाई का खुलासा किया और बताया कि किस तरह से ईडी उन्हें परेशान कर रही है। इस दौरान उन्होंने कहा कि पूरा भिलाई मेरा घर, लौह नगरी की जनता आने वाले समय में जवाब देगी। भाजपा के गलत नीतियों के खिलाफ यह लड़ाई जारी रहेगी विधायक देवेन्द्र यादव ने उनकी मां को समन भेजे जाने पर कहा कि मां महज बच्चे की जननी ही नहीं होती, बल्कि परिवार को संभालने का आधार होती है, लेकिन यहां तो ईडी परिवार को संभालने वाली 70 वर्षीय वृद्ध मां को परेशान कर रही है। विरोधी दल के इशारे पर मेरे परिवार को परेशान करने का कार्य कर रही है। मेरी मां को पहले तो नोटिस जारी किया। अब उनकी पुश्तैनी संपत्ति को अटैच कर सीज करने की कार्रवाई कर रही है हाउसिंग बोर्ड में खरीदा था 13 लाख का मकान विधायक देवेन्द्र यादव ने ईडी की संपत्ति अटैचमेंट की कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए कहा कि, जिस तरह से दुनिया का हर मां-बाप अपने बच्चों के रहने के लिए आश्रय बनाता है। उसी तरह उनकी मां ने भी उनके लिए घर खरीदा। उन्होंने बताया कि उनकी मां मेरे पिताजी के गुजर जाने के बाद 2011 में बैंक से लोन लेकर हाउसिंग बोर्ड से 13 लाख में मकान खरीदा था। जब मकान खरीदा तब ढाई लाख रुपए जमा किया था । बाकी राशि को पंजाब नेशनल बैंक में किस्त के माध्यम से अदा किया और 2020 में लोन क्लीयर हुआ। जिसका पूरा रिकॉर्ड है। इसके बावजूद मे वृद्ध मां को समन जारी परेशान किया जा रहा है

छत्तीसगढ़ में चल रहा ईडी का खेल

विधायक देवेन्द्र यादव ने कहा कि भिलाई जनता इस बात से भली भांति वाकिफ है कि, भिलाई ही मेरा घर है और भिलाई की जनता ही मेरा परिवार है। परंतु भाजपा को यह भिलाई की जनता के साथ मेरा पारिवारिक रिश्ता खटक रहा है। इसलिए उन्हें, हमें परेशान करने का टारगेट दिया गया है कि जाओ और उन्हें सताओ छापा मारो, नोटिस जारी कर परेशान करो ईडी का यही खेल भिलाई सहित पूरे छत्तीसगढ़ में चल रहा है केन्द्र नहीं चाहती छत्तीसगढ़ सरकार अच्छा काम कर रहे इस दौरान विधायक देवेन्द्र यादव ने केन्द्र सरकार की कार्यशैली पर भी सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार नहीं चाहती है कि छत्तीसगढ़ की सरकार अच्छा काम करती रहे। ईडी जिस तरह से व्यवहार कर रही हैं उसे देखते हुए सुप्रीम कोर्ट को संज्ञान लेना चाहिए. सुप्रीम कोर्ट को देखना चाहिए कि बीते 9 सालों से गैर बीजेपी शासित राज्यों में केंद्रीय एजेंसियों का किस प्रकार दुरुपयोग हो रहा है विधायक ने कहा कि जब सरकार ने बेहतर प्रदर्शन कर विकास का काम शुरू किया तभी से एजेंसियों का खेल शुरू हुआ। उन्होंने आरोप लगाया है कि ईडी अब राज्य में पूरे सिस्टम को ठप करने का काम कर रही है। व्यापारी, अधिकारी और जनप्रतिनिधियों को समन भेजती है छापेमारी में कागजातों और नकदी बरामदगी की बातें सामने आती हैं, परंतु इस संबंध में औपचारिक सूचनाएं जारी नहीं की जाती हैं

विधायक ने सवाल उठाया है कि मीडिया से पहले सभी सूचनाएं भाजपा को कौन देता है? कैसे मीडिया से पहले भाजपा के आईटी सेल को पता चल जाता कि ईडी क्या कार्रवाई कर रही है, कहां कार्रवाई करने वाली है। किनकी, कितनी संपत्ति जब्त की गई है, जबकि ईडी के अधिकारियों से पूछने पर कहते हैं उन्हें इसकी जानकारी नहीं है। तो यह कैसे संभव है कि अधिकारियों से पहले भाजपा के सोशल मीडिया अकाउंट पर ईडी की कार्रवाई का ट्वीट आ जाए

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