भारतीय जनता पार्टी, छत्तीसगढ़ प्रदेश नेतृत्व के आव्हान पर आज पाटन विधानसभा के मध्य पाटन मण्डल में भारतीय जनता युवा मोर्चा एवम् भाजपा महिला मोर्चा के संयुक्त नेतृत्व में प्रदेश के मुख्य्मंत्री भूपेश बघेल और आबकारी मंत्री कवासी लखमा का पुतला दहन

ईडी की जांच में उजागर हुआ है कि छत्तीसगढ़ की भूपेश बघेल सरकार में 2 हजार करोड़ का शराब घोटाला हुआ है। यह घोटालेबाजी मुख्यमंत्री के खास सिपहसालार रायपुर महापौर एजाज ढेबर के भाई अनवर ढेबर के नेतृत्व में वर्ष 2019 से 22 के बीच हुई। अनवर ने कमीशन की रकम अपने पास रखकर राजनीतिक आकाओं को दी। इस गिरोह में राजनेता अफसर और कारोबारी शामिल रहे। अनवर के माध्यम से 2 हजार करोड़ के शराब घोटाले को अंजाम दिया गया।

महिला मोर्चा अध्यक्ष निशा सोनी ने कहा – छत्तीसगढ़ की महिलाओं से शराब बंदी का वादा करके सत्ता में आई कांग्रेस की भूपेश बघेल सरकार ने सत्ता में आने के बाद शराब को अवैध कमाई का जरिया बनाकर अनवर ढेबर को इस घोटाले का सरगना बना दिया और उसके द्वारा वसूली गई रकम ऊपर तक पहुंची। स्पष्ट है कि शराब घोटाला करके 40 फीसदी तक का राजस्व नुकसान किया गया। यह सत्ता के सर्वोच्च केंद्र के संरक्षण के बिना संभव नहीं है।

भाजयुमो अध्यक्ष कुणाल शर्मा ने कहा – शराब घोटाले का खुलासा हो चुका है और इससे कांग्रेस सरकार की असलियत सामने आ गई है। बजट अनुमान के आंकड़े पहले से ही जाहिर कर रहे थे कि शराब में सुनियोजित खेल चल रहा है। शराब पीने वालों की संख्या में इजाफा हो गया और खपत कम क्यों हो गई, यह रहस्य खुल गया है कि सरकारी दुकानों पर नंबर दो की शराब बेची गई। डिस्टलरियों से सीधे दुकान शराब पहुंची और उसकी बिक्री की रकम सरकारी खजाने की बजाय सत्ता संरक्षण में चल रहे रैकेट की तिजोरी में गई।

जब तक ईडी की छापेमारी नहीं हुई थी तब तक शराब बिक्री की बड़ी रकम इस रैकेट के पास जा रही थी। जब से ईडी भ्रष्टाचार की जांच कर रही है तब से आबकारी राजस्व में आश्चर्यजनक रूप से आय बढ़ गई। साफ है कि जो पैसा गलत हाथों में जा रहा था, वह ईडी के डर से सरकारी खजाने में जाने लगा। लेकिन 4 साल में भूपेश बघेल सरकार में 2 हजार करोड़ का शराब घोटाला किया गया।

भाजपा ने शराब घोटाले का मामला विधानसभा में पूरे तथ्यों के साथ उठाया था लेकिन सरकार जब इस घोटालेबाजी की संरक्षक हो तो इस पर रोक कैसे लग सकती थी। सरकार ने आबकारी घोटाले की पारदर्शी जांच कराना तो दूर की बात है, घोटाले को दबाने की पूरी कोशिश की लेकिन ईडी ने मिस्टर 40 परसेंट की पोल खोल दी है। इतना बड़ा घोटाला सत्ता के सिरमौर के समर्थन और संरक्षण के बिना कतई नहीं हो सकता। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को फौरन इस्तीफा देना चाहिए। ईडी को इस घोटालेबाजी में मुख्यमंत्री की भूमिका की गहराई से जांच करनी चाहिए। मुख्यमंत्री को नोटिस भेजकर पूछताछ के लिए बुलाया जाना चाहिए।

भाजपा मंडल अध्यक्ष खेमलाल साहू ने कहा – प्रधानमंत्री अन्न कल्याण घोटाला- भूपेश बघेल सरकार गरीबों का अन्न तक खा गई। कोरोना काल के समय से 33 महीने तक प्रधानमंत्री अन्न सहायता योजना का अतिरिक्त अनाज गरीबों तक नहीं पहुंचा। 5 हजार करोड़ का अन्न घोटाला किया गया है।

भूपेश बघेल की कांग्रेस सरकार ने आबकारी में घोटाला करने के लिए सीधे-साधे वह जानकारी ना रखने वाले आदिवासी कावासी लखमा को आबकारी मंत्री बनाया ताकि उसकी आड़ लेकर बड़ा घोटाला कर सके।
भूपेश सरकार ने 4 साल में बेवरेज कॉरपोरेशन का अध्यक्ष भी नियुक्त नहीं कि उन्होंने आबकारी विभाग के सिस्टम को ध्वस्त कर दिया।

ये सभी घोटाले बता रहे हैं कि छत्तीसगढ़ में घोटाला सरकार चल रही है। हर घोटाले के सरदार कांग्रेस सरकार के मुखिया हैं।

कार्यक्रम में प्रमुख रूप से मंडल अध्यक्ष खेमलाल साहू , मंडल महामंत्री हरिशंकर साहू ,उपाध्यक्ष दिनेश साहू नेता प्रतिपक्ष योगेश निक्की भाले युवा मोर्चा जिला उपाध्यक्ष केवल देवांगन , युवा मोर्चा मंडल अध्यक्ष कुणाल शर्मा , महामंत्री सागर सोनी , महामंत्री कालेश्वर शुक्ला , पुष्कर साहू , रोशन वर्मा , यशवंत सेन , रॉकी शर्मा , विकाश बारले अन्य पिछड़ा वर्ग जिला उपाध्यक्ष दामोदर चक्रधारी ,महिला मोर्चा जिला मंत्री चंद्रिका साहू, महिला मोर्चा महामंत्री रानी बंछोर , मिलन देवांगन , डागेश्वर वर्मा वेदप्रकाश वर्मा अमित वर्मा राकेश जांगड़े , शुभम सोनवानी, संदीप जांगड़े , राजेश साहू रविन्द्र कौशले , जयंत भाले, सरजू मरकाम होरीलाल देवांगन ओम साहू , नारायण पटेल , नानू छेदैय्या ,सोनू यादव ,केशव बंछोर, राहुल निर्मल, उषा साहू सहित भाजपा कार्यकर्ता उपस्थित रहे

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