“दोस्ती, प्यार, रेप और धोखा: यौन शोषण और मारपीट का आरोप। पीड़िता ने बताया कि पुलिस गिरफ्तारी के बजाय समझौता करने का दबाव बना रही है।”

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“सूरजपुर जिले में एक युवती के साथ प्यार, यौन शोषण और उसके बाद धोखा देने का मामला सामने आया है। युवक ने अपनी प्रेमिका को अपने घर ले गया, पत्नी बनाने का वादा किया और 15 दिनों तक उसे अपने साथ रखा। उसके बाद उसने उसका यौन शोषण किया और फिर मारपीट कर उसे घर से निकाल दिया। पीड़िता ने पुलिसवालों के खिलाफ शिकायत की है कि वे आरोपी को गिरफ्तार नहीं कर रहे हैं और समझौते के लिए दबाव बना रहे हैं। इस मामले का अधीकारी रामानुजनगर थाने में है।”

पीड़िता दावा कर रही हैं कि पुलिस ने पहले उसे एक अन्य थाने के मामले में लगातार भटकाया और केस दर्ज नहीं किया। बाद में, सरगुजा रेंज के IG रामगोपाल गर्ग के निर्देशानुसार, FIR दर्ज की गई लेकिन 20 दिन बीत जाने के बाद भी आरोपी को गिरफ्तार नहीं किया गया है। मामला दर्ज होते ही से आरोपी फरार हैं।

अनुसार, रामानुजनगर थाना क्षेत्र में रहने वाली पीड़िता युवक पिंटू की मोबाइल दुकान पर मोबाइल ठीक कराने के लिए गई थी। उस दौरान दोनों के बीच दोस्ती हुई और वे अपने मोबाइल नंबर आपस में बांट दिए। इसके बाद दोनों का मोबाइल बातचीत में बदल गया और दोनों ने एक दूसरे से घंटों बात की। दोनों के बीच बातें प्यार में बदल गई और वे मुलाकात के लिए मिलने लगे।

इसके बाद आरोपी पिंटू युवती को अपने साथ घर ले गया और कहा कि वह उसे पत्नी बनाकर रखेगा। पीड़िता ने कहा कि शादी का झांसा देकर वह उसका यौन शोषण करता रहा। इसके बाद उसके घरवाले आए और दूसरी जाति की है, कहकर रखने से इनकार कर दिया। पीड़िता ने कहा कि उसके प्रेमी पिंटू और घरवालों ने उसे मारपीट कर घर से निकाल दिया। पीड़िता का आरोप है कि इसके बाद वह रामानुजनगर थाने पहुंची, लेकिन वहां पुलिस ने मामला दर्ज करने के बजाय यह बोलकर थाने से भगा दिया गया कि घटनास्थल कोरिया जिले के पटना थाना क्षेत्र का है, तो वहां जाकर मामला दर्ज कराए।

जब पीड़िता अपने घरवालों के साथ पटना थाना पहुंची, तो वहां से भी उन्हें भगाकर दूसरे थाने में जाने को कहा गया कि घटनास्थल रामानुज नगर थाना क्षेत्र का है, इसलिए मामला वहां दर्ज होगा। कई दिनों तक दोनों थानों के चक्कर लगाने के बाद आखिरकार पीड़िता और उसके परिजनों ने आईजी सरगुजा रेंज रामगोपाल गर्ग से इसकी शिकायत की। उनकी शिकायत के आधार पर आईजी सरगुजा ने पटना थाने को निर्देशित किया कि जीरो में मामला दर्ज कर रामानुजनगर थाने को भेजा जाए।

15 अप्रैल को रामानुजनगर थाने में एफआईआर दर्ज की गई, लेकिन अभी तक आरोपी को गिरफ़्तार नहीं किया गया है। पीड़ित और उसके परिजनों का आरोप है कि पुलिस आरोपी को बचाना चाहती है, इसलिए उन लोगों पर समझौता करने के लिए दबाव बना रही है। वहीं पुलिस ने पूरे मामले में चुप्पी साधी है। एसपी रामकृष्ण साहू ने मामले की जांच का जिम्मा सीएसपी जेपी भारतेंदु को सौंपा है।

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