गौरेला-पेंड्रा-मरवाही (GPM) जिले में धड़ल्ले से अवैध रेत उत्खनन और परिवहन का काम जारी है। रेत माफियाओं और वाहन मालिकों के हौसले इतने बुलंद हैं कि वे अपने दावों को साबित करने के लिए स्थानीय लोगों को धमका रहे हैं। इसी तरह एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें रेत माफिया स्थानीय ग्रामीण के साथ दादागिरी करता हुआ नजर आ रहा है। अधिकारियों ने साधी चुप्पी, जो कि इस मामले में दुर्बलता का परिचायक हो सकती है।
पूरा मामला खन्ता जिले के मरवाही वन परिक्षेत्र से जुड़ा है, जहां साजानार जंगल के तीर्थानदी में अवैध रेत उत्खनन और परिवहन को लेकर दो पक्षों के बीच तीखी बहस हो रही है। बहस इतनी बढ़ गई है कि हाथापाई की भी नौबत आ गई है। सबसे बड़ी बात तो ये है कि जिस बीट में विवाद हो रहा है, उसके वनरक्षक भी मौके पर मौजूद हैं। एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें रेत माफिया स्थानीय ग्रामीण को वन विभाग के अधिकारियों-कर्मचारियों से मिलीभगत का धौंस दिखाते हुए बिना डरे अवैध रेत ले जाने की बात कह रहा है।
देखा जा सकता है कि डिप्टी रेंजर और दूसरे बीट के वनरक्षक साथी के साथ अवैध रेत उत्खनन करने वाले लोग रिश्वत लेकर खुले रूप से संरक्षण प्राप्त होने की बात कह रहे हैं। वे गांव के लोगों को धमकाते हुए अवैध रेत उत्खनन और परिवहन कर रहे हैं। यह मामला खन्ता के साजानार जंगल के तिपान नदी के वन परिक्षेत्र में हुआ था, जहां दो पक्षों के बीच विवाद हुआ था।
उस बीट में पदस्थ वनरक्षक ने रेत माफियाओं के साथ मिलीभगत के कारण मूकदर्शक बनकर तमाशा देख रहा है। वह अवैध रेत से भरे ट्रैक्टरों को जब्त करके उच्च अधिकारियों को अवगत कराने के बजाय, आरोपियों के साथ ही खड़ा होता हुआ नजर आया। वीडियो में स्पष्ट दिख रहा है कि उन्होंने रेत माफियाओं को धमकी देते हुए उनकी गतिविधियों को रोकने की कोशिश की है।
ये है पूरा मामला
“रेत माफिया अवैध रेत का उत्खनन कर ट्रैक्टर में भर रहे हैं। एक ट्रैक्टर में रेत भरी गई थी, दूसरे में लोड हो रही थी। वहाँ एक वनरक्षक भी मौजूद था। इस बीच, वहाँ से गुजर रहे ग्रामीणों ने वीडियो शुरू किया, जिस पर रेत माफिया ने उनसे बहस की और वीडियो बनाने से मना किया। आरोपी ने ग्रामीण को धमकी भी दी। इस मामले में शिकायत मरवाही थाने में दर्ज की गई है। खन्ता के वनरक्षक से भी जानकारी ली गई, लेकिन उन्होंने कैमरे के सामने कुछ भी नहीं कहा।”