भिलाई. छावनी थाना अंतर्गत आत्मदाह करने वाली नवविवाहिता की उपचार के बीच पंडित जवाहरलाल नेहरु चिकित्सालय सेक्टर-9 में मौत हो गई। इस मामले में महिला के मृत्यु पूर्व दिए बयान के आधार पर पुलिस ने उसके पति समेत पूरे परिवार के खिलाफ जुर्म दर्ज कर सभी को न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया। मृतक महिला की डेढ़ माह की बेकसूर अबोध बच्ची अकेली हो गई। मां की मौत हो गई। पिता व दादा दादी सब जेल में हैं।
एस डीएम के समक्ष महिला के मृत्युपूर्व बयान के आधार पर पुलिस ने महिला के पति अनिल कुमार गुप्ता, सास शैल कुमारी गुप्ता, ससुर उमाशंकर गुप्ता, जेठ संजय कुमार गुप्ता, जेठानी शालिनी गुप्ता और ननद ज्योति गुप्ता के खिलाफ धारा 304 (बी), 34 के तहत प्रकरण दर्ज किया और सभी को गिरफ्तार कर जेल भेजा दिया। पति दशगात्र कार्यक्रम में बैठा था। पुलिस ने पति समेत पूरे परिवार को गिरफ्तार कर लिया।
खाने को लेकर पति-पत्नी में विवाद
छावनी सीएसपी आशीष बंछोर ने बताया कि कैप-2 महात्मा गांधी नगर निवासी पूनम गुप्ता (24 वर्ष) अपने सब्जी विक्रेता पति अनिल गुप्ता (29 वर्ष) के साथ घर के दूसरे माले में रहती थी। 15 मार्च 2023 को दोनों पति पत्नी में पहले खाने को लेकर विवाद हुआ। इस बीच उसका पति बाहर निकाला। इधर पूनम ने मिट्टी तेल उड़ेलकर आग लगा ली। अनिल ने जब देखा तो उसने उसे बुझाने का प्रयास किया। लेकिन तब तक वह 80 प्रतिशत झुलस गई थी। तत्काल उसे पंडित जवाहर लाल नेहरु चिकित्सालय एवं अनुसंधान केन्द्र सेक्टर-9 ले गए। जहां 23 मार्च को उसने उपचार के बीच दम तोड़ दिया
मृत्यु पूर्व बयान में आई पति से विवाद की बात
सीएसपी ने बताया कि घटना की सूचना के बाद मजिस्ट्रियल बयान हुआ। पूनम ने मृत्यु पूर्व बयान दिया कि पति के साथ खाना पहले खाने को लेकर विवाद हुआ। मामले में पास पड़ोसियों से पूछताछ की गई। पूनम के मायके वालों ने भी बेटी के प्रताडि़त करने की शिकायत की है। पुलिस प्रकरण दर्ज कर जांच कर रही है।
परिवार के सभी सदस्यों को जेल भेजा गयापति समेत परिवार के सभी सदस्यों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया। डेढ़ माह की बच्ची की देखभाल अभी उसके रिश्तेदार कर रहे हैं। ननिहाल पक्ष के लोग सोमवार को आएंगे। उसका पालन पोषण के लिए ले जाएंगे।
अशीष बंछोर, सीएसपी छावनी
पूरे परिवार पर केस दर्ज करने से पहले पुलिस को जांच करना था
मृत्यु पूर्व बयान के आधार पर तात्कालीन अपराध पति के खिलाफ बनता है। पुलिस को पूरे परिवार पर केस दर्ज करने से पहले इन्वेस्टिगेशन करना था। दूधमुंही बच्ची के बारे में शासन प्रशासन को ध्यान देना चाहिए। क्योंकि वह अभी किसी को भी न जानती है और न पहचानती है।
रविशंकर, एडवोकेट, सचिव जिला , अधिवक्ता संघ