बिलासपुर समाचार: तालाब में जल भराव के लिए खुला खूंटाघाट जलाशय का गेट।

cgsuperfast.com

बिलासपुर।

मौसम के साथ ही बदलाव के रूप में गर्मी बढ़ रही है। गर्मी की मजबूत गर्मी जैसे-जैसे बढ़ रही है, उसी प्रकार गांव के तालाब सूखने लगे हैं। पिछले दिनों जनदर्शन के दौरान ग्रामीणों ने निस्तारी के लिए जलाशय का गेट खोलने और तालाब भरने की मांग की थी।

कलेक्टर ने ग्रामीणों की मांग पर खूंटाघाट जलाशय के गेट खोलने के निर्देश दिए थे और उन्होंने जल संसाधन विभाग के अधिकारियों को भी इसके निर्देश जारी किए थे। निर्देशों के अनुसार, जल संसाधन विभाग ने खूंटाघाट जलाशय के गेट खोल दिए हैं। नहरों के माध्यम से पानी की आपूर्ति होगी। नहर के किनारे के गांव में नहर के माध्यम से तालाब में जल भराव किया जाएगा। इस पानी का उपयोग गर्मी के दिनों में ग्रामीणों के निस्तारी के लिए किया जाएगा।

तापमान बढ़ते समय तालाब सूखने लगते हैं। अब से ही जिले के विभिन्न क्षेत्रों से रबी फसल की सिंचाई के लिए पानी की मांग बढ़ने लगी है। विधायक डॉ. कृष्णमूर्ति बांधी ने अपने क्षेत्र के ग्राम वेद परसदा में पानी की किल्लत होने का हवाला देते हुए निस्तारी के लिए पानी छोड़ने की मांग कलेक्टर से बीते दिनों की थी।

जिले में बिल्हा और मस्तूरी नाम के दो ब्लाक हैं, जहां दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्रों में गर्मियों में पेयजल के साथ निस्तारी के लिए समस्याएं उत्पन्न होती हैं। इस से भी जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में पानी के लिए दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।

जलाशयों में पानी की कमी से ग्रामीण क्षेत्रों में स्थिति भयावह हो जाती है। लेकिन इस बार ऐसा नहीं होने वाला है। जिले के खूंटाघाट, भैंसाझार, घोंघाड़ीह व इससे लगे मनियारी व खुड़िया जलाशयों में अभी भी अच्छा जल भराव है। इस बार गर्मी में पानी की किल्लत नहीं होने वाली है।

गर्मी के मौसम में हर साल निस्तारी व सिंचाई के लिए पानी नहरों के माध्यम से छोड़ा जाता है। वर्ष 2022 में वर्षा अच्छी होने के कारण अधिकांश जलाशयों में जलभराव की स्थिति बेहतर है। जल संसाधन विभाग के आंकड़ों पर नजर डालने से पता चलता है कि खुड़िया और घोंघा जलाशय में 68 फीसद से कम जलभराव है, जबकि खूंटाघाट, मनियारी और भैंसाझार में 90 से 99 फीसद तक जलभराव है।

नल जल योजना की हालत पतली

राज्य शासन ध्यानशून्य होने की वजह से केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना हर घर जल को लेकर गंभीर रूप से काम नहीं हो रही है। ठेकेदारों की लापरवाही या काम टालने की वजह से लोग इस वर्ष भी गर्मियों में पेयजल और निस्तारी के लिए मुश्किलों का सामना करने के लिए तैयार रहें। यदि केंद्र सरकार की लक्ष्य से देखा जाए तो गर्मी के शुरुआत से पहले हर घर में पाइप लाइन बिछाने और नल के माध्यम से पेयजल की आपूर्ति करने का लक्ष्य होता था।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You cannot copy content of this page