सीएम भूपेश ने रमन सिंह के बारे में निशाना साधा है और कहा है कि रमन सिंह को कुछ समझ नहीं आता। वह कुछ-कुछ बोलते हैं, लेकिन उनकी बातें समझना मुश्किल होता है। रमन सिंह को अपनी चिंताओं से निपटने की आवश्यकता है।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पूर्व सीएम डॉ. रमन सिंह पर जमकर हमला बोलते हुए कहा है कि उन्हें कुछ समझ में नहीं आता है, कुछ का कुछ बोलते रहते हैं। रेणुका सिंह को अपनी चिंता करनी चाहिए। पार्टी में वो अकेली आदिवासी नेता बची हैं। भाजपा के सभी बड़े आदिवासी नेताओं को रमन सिंह पीछे ढकेल चुके हैं।

शनिवार को मुख्यमंत्री बिलासपुर के तोरवा क्षेत्र के कालीबाड़ी मैदान में आयोजित बंगाली नव वर्ष और बिलासपुर बंगाली एसोसिएशन के शताब्दी समारोह में शामिल होने पहुंचे थे। यहीं पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि बंगला नववर्ष है और बंगाली स्कूल के 100 साल पूरा होने पर कार्यक्रम आयोजित किया गया था।

उन्होंने कहा कि बंगाल का इतिहास बहुत प्राचीन है। देश के नव निर्माण में बड़ा योगदान है। कई विभूतियों के साथ क्रांतिकारी, समाज सुधारक के अनेक जनक पैदा हुए। आजादी की लड़ाई में अग्रणी सेना नायक रहे, वहां के लोगों ने यह कार्यक्रम आयोजित किया था। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि केदार कश्यप जब मंत्री थे, तब कभी सड़क मार्ग से नहीं जाते थे। हेलिकॉप्टर से आते-जाते थे। आज बस्तर के किसी भी कोने में लोग सड़क मार्ग से आना जाना कर सकते हैं।

हमने नक्सलियों ने मुक्त कराया
उन्होंने कहा कि भाजपा के शासन काल में 15 साल तक बस्तर नक्सलियों के कब्जे में था। पांच से छह सौ गांव हमने नक्सलियों से मुक्त कराया है। भाजपा की सरकार केवल पांच किलोमीटर के दायरे में सरकार थी। भाजपा ने वहां विकास को पीछे ढकेल दिया और धर्मांतरण की बात करते हैं। प्रदेश में सबसे ज्यादा चर्च भाजपा सरकार के समय में बना है। कोई भी धर्म स्वीकार करने के बाद पूजा स्थल बनता है। उसी तरह क्रिश्चियन बनने के बाद चर्च बना है।

रेणुका सिंह के बयान पर किया पलटवार
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने केंद्रीय राज्य मंत्री रेणुका सिंह के बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि उन्हें अपनी खुद की चिंता करनी चाहिए। डॉ. रमन सिंह को कुछ आता नहीं है और वो कुछ का कुछ बोलते रहते हैं। उन्होंने प्रदेश के बड़े आदिवासी नेताओं को बहुत पीछे ढकेल दिया है। रामविचार नेताम, नंद कुमार साय, विष्णु देव साय, ननकीराम कंवर उदाहरण हैं। अब रेणुका सिंह बच गई हैं। इसलिए उन्हें अपनी चिंता करनी चाहिए।

रेणुका सिंह ने कहा था- टीएस कमजोर हो चुके हैं
दो दिन पहले बिलासपुर में केंद्रीय राज्य मंत्री रेणुका सिंह ने कहा था कि टीएस बाबा कमजोर हो गए है। CM नहीं बनने से टीएस असंतुष्ट हैं। मुख्यमंत्री का उम्मीदवार बता कर उन्होंने सरगुजा की जनता को ठगा है। भाजपा में प्रधानमंत्री तो छोड़ो बूथ स्तर का छोटा सा कार्यकर्ता भी टीएस को नहीं बुलाएगा। टीएस बाबा की जरूरत भारतीय जनता पार्टी को नहीं। इस बार भाजपा टीएस सिंहदेव के गढ़ में जीत सुनिश्चित करने जा रही है।

डीलिस्टिंग को लेकर आंदोलन पर ये कहा

प्रदेश में डीलिस्टिंग (धर्म बदल चुके आदिवासियों, या आरक्षित वर्ग को आरक्षण के लाभ से बाहर करने) को लेकर बड़ा आंदोलन होने जा रहा है। इसे लेकर भाजपा और कांग्रेस आमने सामने हैं। आंदोलन को पीछे से RSS, विश्व हिंदू परिषद और बजरंगदल जैसे संगठनों का पूरा समर्थन है। इसे प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने षड़यंत्र बताया है।

शनिवार को मीडिया से चर्चा में डीलिस्टिंग को लेकर हो रहे आंदोलन पर CM ने कहा- दिल्ली में यह प्रदर्शन करना चाहिए। यह फैसला भारत सरकार लेगी। इसलिए उनके ही पास जाकर बोलना चाहिए, छत्तीसगढ़ में रैली करने का कोई मतलब नहीं। यहां भारतीय जनता पार्टी , RSS , बजरंग दल , विश्व हिंदू परिषद सारे मिलकर लोगों को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं। ये सिर्फ षड़यंत्र कर रहे हैं।

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