Korba News: कच्ची महुआ शराब पीने से मौत, पति जब घर पहुंचा तो पत्नी समेत तीन आदिवासियों की लाश देख उड़े होश…|

कोरबा। कच्ची महुआ शराब पीने से एक महिला सहित तीन आदिवासियों की मौत हो गई है। मृतक महिला का पति सुबह किसी काम से बाहर गया था। जब वह दोपहर को वापस लौटा, तो उसने देखा कि उसकी पत्नी की लाश घर के बाहर बरामदे में पड़ी थी। जब वह घर के अंदर गया, तो उसने वहां दो अन्य ग्रामीणों की लाशें देखीं। मौके पर कच्ची शराब का पॉलीथीन मिला है। आशंका है कि शराब जहरीली थी, जिसके कारण यह घटना घटी है।

यह घटना करतला थाना क्षेत्र के ग्राम कोटमेर की है। यहां के निवासी चैतराम कंवर मंगलवार को सुबह आठ बजे किसी काम से करतला गए थे। दोपहर 12 बजे जब वह अपना काम निपटा कर घर लौटे, तो उनके होश उड़ गए। घर के बरामदे में उनकी पत्नी मालती बाई (50 वर्ष) की लाश पड़ी हुई थी। जब वह घर के अंदर गए, तो गांव के ही निवासी राम सिंह (60 वर्ष) और बेदराम (49 वर्ष) की भी लाश मिली।

घटना की जानकारी चैतराम कंवर ने आसपास के लोगों को दी, जिससे वहां लोगों की भीड़ लग गई। गांव के सरपंच नीलांबर राठिया का कहना है कि घटनास्थल पर पालिथीन में कच्ची शराब रखी हुई थी। साथ ही मछली और कुछ चखना भी वहां मिला। अंदाजा लगाया जा रहा है कि जहरीली शराब के सेवन की वजह से तीनों की मौत हुई है। घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ तिवारी भी मौके पर पहुंचे और घटनास्थल का जायजा लिया। उन्होंने बताया कि घटनास्थल का वैज्ञानिक परीक्षण किया जा रहा है।

तीनों की मौत जहरीली शराब पीने से हुई है या विषाक्त भोजन (फूड पॉइजनिंग) से, यह कहना अभी उचित नहीं होगा। पोस्टमार्टम रिपोर्ट मिलने के बाद ही स्थिति स्पष्ट हो पाएगी। फिलहाल कुछ भी कहना सही नहीं होगा। पुलिस ने मर्ग कायम कर मामले की जांच शुरू कर दी है। शवों को करतला सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के मर्च्यूरी में रखा गया है। बुधवार को पोस्टमार्टम की प्रक्रिया पूरी की जाएगी। पुलिस का कहना है कि रिपोर्ट मिलने के बाद ही मौत की असली वजह स्पष्ट हो सकेगी।\

गांव में शराब बंदी, फिर कहां से पालिथीन में शराब

कोटमेर के ग्रामीण शराब पीने के आदी हो रहे थे, इसे देखते हुए यहां की महिलाओं ने शराबबंदी अभियान छेड़ रखा है। इस अभियान के बाद से, जब भी गांव में शराब बनने की खबर मिलती है, तो जागरूक ग्रामीण मौके पर पहुंच कर उसे पुलिस के हवाले कर देते हैं। अब सवाल यह उठता है कि क्या पालिथीन में मिली कच्ची शराब गांव से बाहर किसी अन्य गांव से खरीद कर लाई गई थी। कच्ची शराब बनाते समय अधिक नशे के लिए कीटनाशक दवा और बेशरम के जड़ का भी इस्तेमाल किया जाता है। कई बार मात्रा अधिक हो जाने की वजह से शराब जहरीली हो जाती है और इसके सेवन से मौत होने की कई घटनाएं पहले भी हो चुकी हैं।

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