राज्य ब्यूरो, रायपुर। छत्तीसगढ़ समाचार: सरगुजा जिले के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र नवानगर में फर्श पर प्रसव की घटना के बाद सरकार सख्त हो गई है। इस संवेदनशील मुद्दे को उच्च न्यायालय द्वारा संज्ञान में लिए जाने के बाद राज्य सरकार ने आदेश जारी किए हैं। सरकार ने शासकीय अस्पतालों में उपचार करा रहे व्यक्तियों की शासकीय अथवा गैर शासकीय व्यक्तियों द्वारा इस प्रकार फोटोग्राफी, वीडियोग्राफी नहीं करने के निर्देश दिए हैं, जिससे मरीज की निजता भंग होती हो। इस आदेश का सख्ती से पालन सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए गए हैं।
इसी तरह संस्थागत प्रसव के लिए अधिकारियों को गर्भवती महिलाओं के प्रसव पूर्व, प्रसव के दौरान और प्रसव के बाद प्रबंधन के लिए निर्दिष्ट मानकों का पालन करने के लिए निर्देश दिया गया है। यह निर्देश लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण तथा चिकित्सा शिक्षा विभाग के उप मुख्य सचिव मनोज पिंगुआ द्वारा जारी किए गए आदेशों के पीछे नवानगर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में एक घटना का कारण है। इसमें शासकीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में चिकित्सक और स्वास्थ्य कर्मचारियों के अस्पताल से गायब रहने के कारण महिला का फर्श पर ही प्रसव हो गया था।
इस घटना का एक वीडियो भी प्रसारित हुआ था। स्वास्थ्य सेवाएं के उपसंचालक डॉ. डीके टूर्रे ने कहा कि मरीजों के हित को ध्यान में रखते हुए शासन द्वारा आदेश जारी किया गया है। इससे किसी को भी परेशानी नहीं होनी चाहिए। इलाज से संबंधित यदि कोई शिकायत है तो इसे अस्पताल अधीक्षक से की जा सकती है।
ध्यान रखें निजता का न हो उल्लंघन
अपर मुख्य सचिव मनोज पिंगुआ ने जारी आदेश में कहा है कि नवानगर की घटना का वीडियो प्रसारित किए जाने की जितनी निंदा की जाए, यह कम होगी। इस प्रकार की घटना की वीडियोग्राफी नहीं की जानी चाहिए। महिलाओं के वीडियो या किसी भी व्यक्तिगत सामग्री को उनकी अनुमति के बिना प्रसारित करना न केवल अनैतिक है, बल्कि यह कई कानूनी और सामाजिक समस्याओं को भी जन्म दे सकता है।
वीडियो प्रसारित होने से उस महिला की सामाजिक प्रतिष्ठा और सम्मान को नुकसान पहुँचता है। इससे उनकी व्यक्तिगत और सामाजिक जीवन पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है। हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि हम सभी की निजता का सम्मान करें और उनके व्यक्तिगत अधिकारों का उल्लंघन न करें।
प्रसव सुविधा को लेकर सरकार ने जारी किया आदेश
नवानगर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की घटना को भविष्य में पुनरावृत्ति रोकने के लिए सरकार की ओर से जारी आदेश में प्रसव पूर्व, प्रसव के दौरान और प्रसव के बाद स्वास्थ्य सुविधाओं के निर्धारित मानकों का पालन करने की बात कही गई है। आदेश में यह भी कहा गया है कि ग्राहक स्वास्थ्य संस्थाओं के बीच प्रसव पीड़ा की शुरुआत पर मितानिन के माध्यम से निकटतम स्वास्थ्य केंद्र को दूरभाष के माध्यम से सूचित किया जाना चाहिए। साथ ही, परिवहन के लिए सामान्य स्थिति में 102 महतारी एक्सप्रेस और जटिल स्थिति में 108 संजीवनी एक्सप्रेस के माध्यम से घर से स्वास्थ्य संस्था तक पहुंचने के लिए समन्वय किया जाना चाहिए।