अंबिकापुर। सूरजपुर जिले के कल्याणपुर के पास स्थित ग्राम पंचायत अखोराकला के नजदीकी जंगल में हाथी के हमले से एक बुजुर्ग व्यक्ति की मौत हो गई। जब बुजुर्ग घर वापस नहीं लौटे तो उनकी खोजबीन की गई और उनकी लाश जंगल में मिली। इसी क्षेत्र में कुछ समय पहले करंट लगने से एक हाथी की भी मौत हो गई थी। एक और हाथी अब आसपास के गांवों के जंगलों में घूम रहा है। इस घटना से ग्रामीणों में डर का माहौल है।
ग्राम पंचायत अखोराकला के घाघीटिकरा के निवासी जिन्दा राम राजवाड़े (67) मंगलवार की सुबह जंगल जाने के लिए घर से निकले थे। उन्हें लकड़ी लेकर घर लौटना था, लेकिन वह वापस नहीं आए। उसी दिन अखोराकला के गन्ने के खेत में एक हाथी का शव मिला था, जिसकी मौत बिजली के करंट से हुई थी।
गांव के लोग सुबह से ही घटनास्थल के आसपास जमा थे, इसलिए जिन्दा राम के परिवार वालों ने सोचा कि वह भी हाथी का शव देखने गया होगा। जब वह शाम तक वापस नहीं लौटा, तो घरवालों की चिंता बढ़ गई। उसकी तलाश के दौरान एक ग्रामीण ने बताया कि वृद्ध का शव जंगल में पड़ा है। यह जानकारी मिलते ही परिवार के सदस्यों और वन विभाग के कर्मचारियों ने घटनास्थल पर पहुंचकर जांच की और मृतक का शव बरामद किया।
संभावना जताई जा रही है कि जिस हाथी की करंट से मौत हुई थी, उसके साथ घूमने वाले हाथी ने ही जिन्दा राम को कुचलकर मार दिया था। यह घटना जंगल में आमना-सामना होने के कारण हुई होगी। जब मृतक के शव को जंगल से बाहर निकाला गया, उस समय हाथी भी वहीं था। बुधवार को वन विभाग की टीम ने मृतक की पत्नी को तात्कालिक सहायता राशि के रूप में 25 हजार रुपये का चेक प्रदान किया। हाथी अभी भी राजपुर रेंज के अखोरा जंगल में डेरा जमाए हुए है, जिससे लोगों में दहशत व्याप्त है। हाथियों के विचरण का यह इलाका सरगुजा और सूरजपुर जिले का सीमावर्ती क्षेत्र है, और इस क्षेत्र में लंबे समय से हाथियों का विचरण होता रहा है।