रायपुर। अमन गैंग शूटर्स की गिरफ्तारी: छत्तीसगढ़ में दो व्यापारियों की हत्या करने के आरोप में लारेंस बिश्नोई और अमन साहू गैंग के चार शूटरों की आठ दिन की रिमांड के बाद रविवार को कोर्ट में पेश किया गया। कोर्ट ने आरोपित पप्पू सिंह, रोहित स्वर्णकार, मुकेश कुमार और देवेंद्र सिंह को 14 दिन की न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया।
बतादें कि पुलिस रिमांड में आरोपितों से कुछ खास जानकारी नहीं जुटा पाई है। उनके पास से जब्त किए गए मोबाइल फोन और चैटिंग के आधार पर आगे की जानकारी जुटा रही है। पुलिस की टीम फिलहाल मध्यप्रदेश के इंदौर जिले में पिस्टल सप्लायर की तलाश में जुटी हुई है।
खनन में करोड़ों का कारोबार इसलिए शूटर्स की नजर छत्तीसगढ़
शूटर्स के लक्ष्य में छत्तीसगढ़ आ गया है। प्रदेश पहले कांटेक्ट किलिंग से दूर रहा है। यदि कुछ घटनाओं को छोड़ दिया जाए, तो ऐसे आर्गेनाइज्ड क्राइम नहीं होंगे। जहां-जहां खनन का काम होता है, वहां इस तरह के मामले सामने आते हैं। छत्तीसगढ़ में खनन का करोड़ों का व्यापार है। इसलिए अब शूटरों की नजर छत्तीसगढ़ पर है। यहां के लोग दूसरे राज्यों में करोड़ों का ठेका ले रहे हैं।
कारोबारी पर साइकोलाजीकल प्रेशर बनाकर रंगदारी की मांग
झारखंड, बिहार, उत्तर प्रदेश और ओडिशा भी खनन से जुड़े हुए हैं। वहां इस तरह की घटनाएं अधिक होती हैं। इन प्रदेशों में आर्गेनाइज्ड क्राइम का अनुपात अधिक रहता है। लेकिन अब छत्तीसगढ़ में दूसरे राज्यों से आकर लोग हमला बोल रहे हैं। प्रदेश में भी अब कांट्रेक्ट किलिंग का फार्मेट चलाने की कोशिश की जा रही है।
इस प्रकार की घटनाओं के माध्यम से गैंग कारोबारी पर साइकोलॉजिकल दबाव और मनोवैज्ञानिक दबाव डालने की कोशिश की जाती है। क्योंकि सबसे अधिक पैसा खनन, रेत, और शराब में होता है, और यही कारण है कि अब गैंग की नजर छत्तीसगढ़ की ओर है। प्रदेश में सुपारी किलिंग के लिए बड़े-बड़े गिरोह काम कर रहे हैं।