Mahadev Satta App: ईडी कार्रवाई के बाद भी महादेव सट्टा की चल रही 800 शाखाएं, हर माह 70 लोग लेते हैं दुबई में ट्रेनिंग…|

रायपुर। महादेव सट्टा ऐप: महादेव ऑनलाइन सट्टा देशभर में चल रहा है। पुलिस, ईडी नियमित तौर पर कार्रवाई कर रही है। इतनी सख्ती के बाद भी इस पर कोई असर नहीं पड़ा है। पहले की तरह अब भी महादेव बुक सिस्टम काम कर रहा है। लगभग 800 शाखाएं विश्वभर में संचालित हो रही हैं। इसकी जानकारी सट्टा ऐप के विज्ञापन में जारी की जाती है। इस नेटवर्क में लगभग 10 हजार लोग शामिल हैं। इनमें लगभग 9 हजार लोग विभिन्न शाखाओं से लेकर पैनल में काम कर रहे हैं। कार्रवाई के दौरान बड़े खिलाड़ी शहर छोड़ चुके हैं। कुछ दुबई में हैं, कुछ गोवा, हैदराबाद और पुणे में रह रहे हैं।

जानकारी के अनुसार प्रत्येक महीने 70 युवक छत्तीसगढ़ सहित देशभर से दुबई जाते हैं, जिन्हें विभिन्न कामों की ट्रेनिंग दी जाती है। इसके बाद उन्हें वापस भेज दिया जाता है। वे यहाँ आकर सट्टा का प्रबंधन करते हैं। नए युवकों को ट्रेनिंग देते हैं।

नंबर पर संपर्क करते ही मिल जाती है आइडी

विज्ञापनों में महादेव बुक के मोबाइल नंबर उपलब्ध होते हैं। व्हाट्सएप पर मैसेज करते ही सबसे पहले आइडी प्राप्त करने के लिए पैनल का चयन करने को कहा जाता है। पैनल का चयन करते ही रकम भेजने की प्रक्रिया का विवरण दिया जाता है। इसके बाद आइडी बनाने के लिए नाम का अनुरोध किया जाता है। जैसे ही नाम भेजा जाता है, तुरंत ही एक मिनट में आइडी बनाकर प्राप्त हो जाती है। आइडी को लॉग इन करते ही बेटिंग शुरू हो जाती है। जितने रुपये जमा किए गए हैं, उतने का ही टोकन प्राप्त होता है। जीतने पर खिलाड़ी जब रकम निकालना चाहे, तो वह रकम निकाल सकता है। आधे घंटे के भीतर खिलाड़ी के बताए खाते में रकम जमा हो जाती है।

कई कंपनियों और शेयर बाजार में रकम निवेश

ईडी की एफआईआर में भी उल्लेख है कि महादेव बुक एप के प्रमोटर्स ने आनलाइन बेटिंग से कमाई की अर्जित अवैध राशि को कई कंपनियों में निवेश किया है। कई शैल कंपनियों और शेयर बाजार में भी धन निवेश किया गया है। प्रमोटर्स ने आनलाइन सट्टा के प्रमोशन के लिए सट्टेबाजी वेबसाइटों में भारी मात्रा में नकद राशि खर्च की गई है। हर साल एनुअल स्टार स्टडेड प्रोग्राम का आयोजन किया जाता था, जिसमें शामिल हस्तियों को सट्टेबाजी से प्राप्त अवैध धन से भुगतान किया जाता था।

ईओडब्ल्यू ने एफआईआर में भूपेश बघेल, रवि उप्पल, शुभम सोनी, चंद्रभूषण वर्मा, असीमदास, सतीश चंद्राकर, नीतीश दीवान, सौरभ चंद्राकर, अनिल अग्रवाल, विकास छापरिया, रोहित गुलाटी, विशाल आहुजा, धीरज आहुजा, अनिल दम्मानी, सुनील दम्मानी, भीम सिंह यादव, हरीशंकर तिबरवाल, सुरेंद्र बागड़ी, और सूरज चोखानी को आरोपित किया है।

20 से 40 प्रतिशत कमीशन के साथ एक ब्रांच मिलती है, जो कि महादेव बुक की दुनियाभर में करीब 800 से अधिक शाखाओं (ब्रांच) में अभी भी सक्रिय हैं। प्रत्येक ब्रांच का सेटलिंग राशि भी अलग-अलग होती है। हर हफ्ते सेटलिंग की प्रक्रिया स्थापित है, और वर्तमान में हर हफ्ते में दो बार सेटलिंग हो रही है। ब्रांच प्राप्त करने के लिए, गारंटी के रूप में 15 लाख से 25 लाख रुपये तक की राशि भी ली जा रही है।

ब्रांच के सेटलिंग राशि की बात करें तो, हफ्ते के 15 लाख रुपये से लेकर हफ्ते के दो करोड़ रुपये से अधिक तक की सेटलिंग हो रही है। एक ब्रांच में 12 सौ से लेकर दो हजार तक खिलाड़ी होते हैं। अगर ब्रांच फायदे में है तो, प्राफिट राशि का 20 से 40 फीसदी ब्रांच आपरेटर अपने पास रखकर बाकी की राशि प्रमोटर्स के बताए खाते में डाल देते हैं या फिर हवाला के जरिए प्रमोटर्स तक पहुंचा देते हैं।

ईओडब्ल्यू कर रही पूछताछ

चंद्रभूषण वर्मा और सतीश चंद्राकर से पूछताछ के बाद, अन्य पुलिस कर्मियों से भी पूछताछ शुरू कर दी गई है। सभी को नोटिस जारी कर बुलाया जा रहा है। इसके अलावा, सभी को आमने-सामने बैठाकर पूछताछ की जा रही है। पूर्व में पकड़े गए आरोपित ईओडब्ल्यू की रिमांड में है।

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