आटोमोबाइल के क्षेत्र में नई सुविधा, ई-चालान समेत अन्य कानूनी मुद्दों पर उपभोक्ताओं को मिलेगी मदद…|

रायपुर। अब वाहन चालकों को उनके पास ई-चालान आने या सड़क दुर्घटना के कारण आने वाली परेशानियों से घबराने की आवश्यकता नहीं है। जब भी उन्हें किसी तरह की परेशानी हो, तो वे अपनी समस्या को बताने पर कुछ ही समय में लायर्ड (कानूनी तकनीकी प्लेटफ़ॉर्म) के कानून विशेषज्ञों के साथ संपर्क कर सकते हैं। बताया जा रहा है कि इसके लिए फाडा के साथ ही राडा (रायपुर ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन) द्वारा लायर्ड से सम्पर्क किया जा रहा है।

इस सुविधा का लाभ लेने के बाद उपभोक्ता को कभी भी अपने पास गलत या अत्यधिक चालान के आने पर परेशान होने की आवश्यकता नहीं होगी। उपभोक्ता की मदद करेंगे कानून विशेषज्ञ। लायर्ड की सुविधा का लाभ लेने पर उपभोक्ता को यह भी फायदा होगा कि यदि उसके पास कोई ई-चालान पेंडिंग है या कोई अन्य कानूनी अड़चन है, तो उसकी भी जानकारी इस प्लेटफ़ॉर्म पर उपलब्ध होगी।

कैसे मिलेगी उपभोक्ताओं को मदद

उपभोक्ता जब आटोमोबाइल डीलर के पास गाड़ी खरीदने जाता है, तो उसे गाड़ी खरीदने के साथ-साथ लायर्ड की सुविधाओं में से भी चुनाव करना होगा। व्यक्तिगत वाहनों और व्यावसायिक वाहनों के लिए यह अलग-अलग शुल्क होता है। लायर्ड की सदस्यता प्राप्त करते ही उपभोक्ताओं को लाट्स (लायर आन द स्पॉट) से कानूनी मदद प्राप्त होना शुरू हो जाएगा।

वाहन सड़क पर खड़ी करने की जरूरत नहीं


लायर्ड की सुविधा लेने के बाद सबसे बड़ा लाभ यह होगा कि अब कमर्शियल वाहनों को लंबे समय तक थाने में खड़े रहने की आवश्यकता नहीं होगी, जो कानूनी परेशानियों के कारण होती थी। लाट्स द्वारा उपभोक्ता को कानूनी मदद मिलेगी और उसकी गाड़ी पुनः सड़कों पर दौड़ने लगेगी।

24 घंटे उपलब्ध होगी सहायता

लाट्स के माध्यम से देशभर में वाहन मालिकों और चालकों को सड़क पर कानूनी सहायता मिलेगी। सड़क पर कानूनी सहायता सेवा की पेशकश वाणिज्यिक वाहनों से लेकर निजी कारों तक, हर यात्री के लिए डिज़ाइन की गई है, ताकि किसी भी कानूनी विवाद के बिना सुरक्षित यात्रा सुनिश्चित की जा सके। यह सुविधा 24 घंटे उपलब्ध होगी।

वाहन मालिकों को और सशक्त बनाना है

फाडा के राष्ट्रीय अध्यक्ष मनीषराज सिंघानिया और लायर्ड के संस्थापक और सीईओ हिमांशु गुप्ता ने कहा कि इस माध्यम के माध्यम से वाहन मालिकों को और सशक्त बनाया जा रहा है, और सड़क पर कानूनी मदद को देशभर में वाहन स्वामित्व का एक अनिवार्य हिस्सा बनाया जा रहा है।

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