रायपुर। महादेव सट्टा ऐप: महादेव सट्टा ऐप मामले के संबंध में छत्तीसगढ़ सरकार की एक एजेंसी जल्द ही विधिक कार्रवाई कर सकती है। सूत्रों के अनुसार, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी), भ्रष्टाचार नियंत्रण ब्यूरो (एसीबी), और विधि विभाग के शीर्ष अधिकारियों के बीच शंकरनगर में एक बैठक आयोजित की गई है। इस बैठक में राज्य एजेंसी और विधि विभाग के शीर्ष अधिकारियों के साथ ईडी के अधिकारियों के बीच प्रस्तावित एफआईआर में साक्ष्य के विषय पर विचार-विमर्श किया गया है।
राज्य एजेंसी और राज्य के विधि विभाग के शीर्ष अधिकारियों का मत है कि प्रकरण में एफआईआर दर्ज करने योग्य सबूत मौजूद हैं, लेकिन बैठक में इस एफआईआर के अन्य विधिक पहलुओं को लेकर विषय पर विचार-विमर्श में परिवर्तन किया गया, जो देर रात तक चला। इस विमर्श के दौरान उच्च स्तर से यह निर्देश दिया गया है कि समन्वय बनाकर कार्रवाई सुनिश्चित की जाए।
ईडी की ओर से महादेव सट्टा ऐप मामले में तैयार प्रतिवेदन को लेकर राज्य की एजेंसी एसीबी एफआइआर दर्ज करेगी। लेकिन विमर्श और मंथन जिसमें राज्य एजेंसी और विधि विभाग के शीर्ष अधिकारियों के साथ ईडी के अधिकारियों का दल शामिल था, उसमें विषय यह था कि, जब प्रतिवेदन एफआइआर में तब्दील हो, तो उसे विधिक रूप से इतना मजबूत बनाया जाए कि बतौर आरोपित दर्ज होने वाले नाम फिर वे कोई भी हों, उन्हें न्यायालय से त्वरित राहत मिलना सहज ना रहे।
एसीबी में दर्ज होगा मामला
बैठक में लगभग तय हो गया है कि एसीबी में एफआइआर दर्ज की जाएगी। एफआइआर को विधिक रूप से और मजबूत करने वाले विषयवस्तु शामिल किए जाएंगे। इस एफआइआर में बतौर आरोपित दर्ज होने वाले कई नाम चौंकाने वाले हो सकते हैं। इसमें राज्य पुलिस सेवा, अखिल भारतीय पुलिस सेवा के साथ-साथ महत्वपूर्ण राजनीतिक व्यक्तियों और उनके बेहद करीबियों के नाम एफआइआर में होंगे।
कोयला, शराब, डीएमएफ और पीएससी में दर्ज की गई है एफआइआर
इससे पहले ईडी के प्रतिवेदन पर एसीबी ने कोयला घोटाला, शराब घोटाला, डीएमएफ फंस और पीएससी मामले में कई लोगों के खिलाफ अपराध दर्ज किया है। इसमें नोटिस जारी कर उनसे पूछताछ की जाएगी। प्रशासनिक अधिकारियों के अलावा पूर्व मंत्री और विधायकों के नाम भी एफआइआर में हैं।