Paddy News Korba: 6.25 लाख क्विंटल धान केंद्रों में जाम, उठाव लगभग ठप…|

कोरबा: धान खरीदी समाप्त होने के बाद ही उपार्जन केंद्रों से धान का उठाव लगभग ठप पड़ गया है। तीन दिन बीत जाने के बाद अब तक कोई भी उपार्जन केंद्र पूर्ण उठाव नहीं कर सका है। 65 उपार्जन केंद्रों में 6.25 लाख क्विंटल धान अब भी खुले आसमान के नीचे रखा है। मिलर्स के गोदाम धान से भरे होने के कारण उठाव में देरी हो रही है। मौसमी मार से पहले पखवाड़े भर धान भीग गए थे, जिनका उठाव अभी शेष है।

जिले में धान खरीदी की शुरूआत से लेकर अंत तक, मौसमी उतार-चढ़ाव का असर उपार्जन केंद्रों में रहा है। अब जबकि खरीदी समाप्त हो चुकी है, उसके बाद बचे हुए धान पर मौसमी मार की चिंता उपार्जन केंद्र प्रबंधकों को सता रही है। जिले में पहली बार लगभग 28 लाख क्विंटल से अधिक धान की खरीदी का रिकार्ड बना है। जिला प्रशासन ने 25 लाख क्विंटल धान की खरीदी का अनुमान लगाया था। संभावना से अधिक धान की खरीदी होने के कारण, अब उठाव में समस्या आ रही है। हर साल की अनुमानित मात्रा के अनुसार मिलर्स को अनुबंधित किया जाता है।

जिला प्रशासन ने पिछले वर्ष की तरह 103 मिलर्स को ही मिलिंग के लिए अनुबंधित किया है। इसके परिणामस्वरूप, धान की खरीदी के अधिक होने से उठाव पर असर हो रहा है। जिले में पिछले सात वर्षों से जीरो शार्टेंज में धान का उठाव हुआ है। इस बार भी जिला प्रशासन ने सभी प्रबंधकों से जीरो शार्टेज में उठाव के लिए कहा है। पिछले बारदानों में हुई खरीदी के कारण हुई झड़न से इस बार शार्टेज की संभावना बढ़ गई है। वजन में आई कमी का भरपाई प्रबंधकों को करनी होगी। पिछले वर्ष की तुलना में छः लाख क्विंटल से अधिक धान की अधिक खरीदी हुई है।

पिछले साल, खरीफ वर्ष 2022-23 में 43,337 किसानों ने 60 उपार्जन केंद्रों में धान बेचा था। इस वर्ष, अगस्त से 31 अक्टूबर तक चली नवीन पंजीयन में 5,954 किसानों ने शामिल होने का प्रयास किया। इनमें से 196 किसानों का पंजीयन निरस्त हो गया। इस बार, धान बेचने के लिए 51,183 किसानों ने पंजीयन कराया था। इनमें से 43,491 किसानों ने धान बेचा है। धान बिक्री के लिए कुल रकबा 72,774.01 हेक्टयेर है। जिसमें इस वर्ष 5,663.01 हेक्टेयर रकबा में वृद्धि हुई है। पिछले वर्ष, किसानों ने 22 लाख 2514 क्विंटल धान बेचा था। जिले में 52 लाख बारदानों की आवश्यकता थी, जिसके विपरीत 48 लाख बारदानों का संग्रहण किया गया।

नवापारा में सर्वाधिक 90,524 क्विंटल की खरीदी

जिले इस बार सर्वाधिक 90,524 क्विंटल धान नवापारा में खरीदी हुई है। यहां उठाव के लिए 24,556 क्विंटल धान अब भी शेष हैं। दूसरे स्थान पर 87,984 क्विंटल धान खरीदी कर बरपाली रहा है। यहां 34,811 क्विंटल धान का उठाव बाकी है। 65 उपार्जन केंद्रों में सबसे कम 10,231 क्विंटल धान की खरीदी पाली विकासखंड पोटापानी उपार्जन केंद्र में हुई है। कुल खरीदी में मोटा धान की मात्रा 28.37 लाख है, जिसमें पतला धान की 24 क्विंटल खरीदी हुई है, वहीं सरना धान की मात्रा 29,484 क्विंटल है।

अंतर की राशि के भुगतान का इंतजार

नवगठित सरकार ने इस बार प्रत्येक किसान से प्रति एकड़ 21 क्विंटल धान की खरीदी की है। चुनावी घोषणा पत्र में 3,100 रुपये प्रति क्विंटल देने का वादा किया गया था। किसानों को पुराने 2,195 रुपये दर से भुगतान किया गया है। अब किसानों को अंतर की राशि के भुगतान की प्रतीक्षा है। माना जा रहा है कि लोकसभा चुनाव से पहले यह राशि किसानों के खाते में जमा की जाएगी। चुनावी वर्ष के कारण किसानों को धान बेचने में अच्छा लाभ मिला है। पांच साल पहले धान बेचने वाले 18,345 किसानों को वर्तमान सरकार ने दो साल की बोनस राशि प्रदान की गई थी।

उपार्जन केंद्र बढ़े, नहीं बढ़ी सुविधा

शासन ने दो वर्षों के भीतर जिले में 11 उपार्जन केंद्रों की संख्या बढ़ा दी है। सुरक्षा व्यवस्था में नितांत कमी का सामना किया जा रहा है। राहत की बात यह है कि पहले किसानों को धान बेचने के लिए 30 से 40 किलोमीटर तक जाना पड़ता था। 65 उपार्जन केंद्रों की संख्या की बढ़ोतरी से किसान अब धान बेचने में आसानी से सक्षम हो रहे हैं। नए उपार्जन में शेड और गोदाम की सुविधा नहीं होने से धान की खरीदी खुले मैदान में हो रही है। अनुपातित वर्षा से धान भीग गया है, जिससे उठाव पर असर हुआ है। मौसमी उतार-चढ़ाव जारी है, और कभी भी वर्षा हो सकती है।

फैक्ट फाइल

  • 25- लाख क्विंटल धान खरीदी लक्ष्य
  • 28.67 – लाख क्विंटल अब तक हुई खरीदी
  • 6.39- लाख क्विंटल धान उठाव के लिए शेष
  • 51,183- पंजीकृत किसान
  • 43,491- किसानों ने बेचा धान
  • 65- कुल उपार्जन केंद्र

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