बिलासपुर। आने वाले दिनों में रेल मंडल के अंतर्गत लाइन की कमी से कोचिंग ट्रेन व मालगाड़ी का परिचालन प्रभावित नहीं होगा। रेल प्रशासन केवल नई लाइन, उनका विस्तार पर फोकस कर रहा है। इसी के तहत अनूपपुर-अम्लाई रेलवे स्टेशन के मध्य 12.7 किमी विद्युतीकृत नई तीसरी लाइन बिछाने का काम पूरा कर लिया गया है। इस सेक्शन में जल्द परिचालन प्रारंभ हो सके, इसलिए एसई सर्कल के रेलवे सेफ्टी आयुक्त बीके मिश्रा इसे परखने के लिए पहुंचे। उन्होंने बारीकी से जांच की। हालांकि अभी उन्होंने इस लाइन पर परिचालन की अनुमति नहीं दी है।
लेकिन, जल्द ही हरी झंडी मिलने की उम्मीद है। अधोसंरचना विकास व गाड़ियों के गतिशील परिचालन के लिए मंडल में नई रेल लाइन, दोहरीकरण, तीसरी लाइन और चौथी लाइन का कार्य व्यापक स्तर पर कराए जा रहे हैं। जैसे-जैसे कार्य पूरे हो रहे हैं, जरूरी प्रक्रिया के तहत सेफ्टी कमिश्नर को आमंत्रित किया जा रहा है, ताकि इन लाइनों पर ट्रेनों का परिचालन शुरू हो जाए और बेवजह ट्रेन या मालगाड़ी के पहिए न थमें। इसी के तहत बिलासपुर रेल मंडल अंतर्गत अनूपपुर-कटनी स्टेशनों के मध्य 165.52 किमी विद्युतीकृत तीसरी लाइन बिछाने की योजना है। इस स्वीकृति योजना को पूरा करने के लिए लगातार काम भी चल रहा है।
इस कार्य को चरणबद्ध तरीके से पूरा किया जा रहा है। इसमें अनूपपुर-अम्लाई स्टेशन के मध्य 12.7 किमी विद्युतीकृत नई तीसरी लाइन का सम्पूर्ण कार्य पूरा कर लिया। कार्य पूरा होने के बाद मंडल व जोन के अधिकारियों ने इसका अवलोकन किया, जब वह पूरी तरह संतुष्ट हो गए, तब एसई सर्किल आयुक्त बीके मिश्रा को निरीक्षण करने के लिए आमंत्रण दिया गया। इसी के तहत मिश्रा बुधवार को इस नई लाइन का निरीक्षण करने के लिए पहुंचे। निरीक्षण दल के साथ विशेष गाड़ी से वह अनूपपुर रेलवे स्टेशन पहुंचे। अनूपपुर स्टेशन पहुंचने के बाद उन्होंने पेनल रूम, स्टेशन व यार्ड का निरीक्षण किया। इसके बाद उन्होंने नई लाइन का अनूपपुर व अम्लाई स्टेशन तक मोटर ट्राली से जायजा लिया।
वहीं अम्लाई स्टेशन से अनूपपुर स्टेशन तक अवलोकन कार के साथ स्पीड ट्रायल किया गया। सेफ्टी कमिश्नर इस नई लाइन से संतुष्ट भी नजर आए। लेकिन, अभी परिचालन की अनुमति नहीं दी है। वापस पहुंचने के बाद रिपोर्ट देंगे। यदि उनसे अनुमति मिल जाती है, तब इस तीसरी लाइन पर निर्बाध गाडियों का परिचालन प्रारंभ हो जाएगा। रेलवे का मानना है कि नई लाइन बिछना किसी भी रेलवे के महत्वपूर्ण कार्य होता है। ट्रेनों के परिचालन के लिए एक नया ट्रैक मिल जाता है। इससे लाइनों पर यातायात का दबाव कम होता है। इसके साथ ट्रेनों के परिचालन में गतिशीलता आती है और समयबद्वता में सुधार आता है। इस नई लाइन के बनने से भी यही लाभ होगा।
निरीक्षण के दौरान सेफ्टी कमिश्नर ने परिचालन व संरक्षा से जुड़े सभी पहलुओं का गहन अध्ययन किया। अधिकारियों के साथ चर्चा कर आवश्यक दिशा-निर्देश भी दिए। निरीक्षण दल में मुख्य प्रशासनिक अधिकारी (निर्माण), मंडल रेल प्रबंधक सहित मंडल व मुख्यालय के संबंधित विभागों के अनेक अधिकारी शामिल रहे।
निरीक्षक के दौरान इन बिंदुओं पर फोकस
इंटरलाकिंग , क्रासिंग , पाइंट , कर्व, ब्रिज , ओएचई, लाइन सिग्नलिंग उपकरण 60 से 70 किमी पेंड्रा से अनूपपुर तक तीसरी लाइन। मालगाड़ी, परिवहन।