2023 के छत्तीसगढ़ चुनाव: भूगोलिक क्षेत्रफल के मामले में केरल राज्य से बड़े आदिवासी बहुल बस्तर संभाग में पुरुषों की तुलना में महिला आबादी और मतदाता संख्या अधिक होने के बावजूद राजनीतिक क्षेत्र में महिलाओं की सक्रियता कम रह रही है और अवसर भी कम मिल रहे हैं। ग्रामीण क्षेत्र की तुलना में शहरी अर्धकस्बाइ क्षेत्र की महिलाओं की राजनीति में सक्रियता अधिक है।
पिछले 75 सालों में बस्तर संभाग से केवल 10 महिलाएं विधायक बन पाई हैं। लोकसभा में बस्तर से महिलाओं का कोई प्रतिनिधित्व नहीं है। सिर्फ तीन साल पहले, राज्यसभा में पहली बार बस्तर से कांग्रेस की महिला नेत्री फूलोदेवी नेताम को सदस्य बनने का मौका मिला है।
विधानसभा और संसद में बस्तर से महिलाओं के न्यूनतम प्रतिनिधित्व का एक कारण यह है कि राजनीतिक दलों द्वारा महिलाओं को विधानसभा और लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए बहुत कम अवसर प्रदान किए जाते हैं। अब जब संसद से महिला शक्ति सम्मान विधेयक पारित हो चुका है, भविष्य में इसके कानून बनने के बाद महिलाओं के लिए विधानसभा और लोकसभा में सीटों की आरक्षण की संभावना है।
बस्तर संभाग को पहली महिला विधायक का चयन 1957 के विधानसभा चुनाव में हुआ था, जब कांकेर सीट से प्रतिभा देवी चुनी गई थी। दूसरी महिला विधायक बनने में 20 साल का समय लगा। 1977 में, केशकाल सीट से मंगली झाडूराम रावटे विधायक बनी थी। इसके तीन साल बाद, 1980 में, भानुप्रपातपुर सीट से विधायक बनने वाली गंगा पोटाई का नंबर आता है।
वर्तमान में बस्तर संभाग से दो महिला विधायक हैं, जिनमें से एक हैं दंतेवाड़ा से देवती कर्मा और दूसरी हैं सावित्री मंडावी। इन दोनों को राजनीति की विरासत मिली है। देवती कर्मा के पति स्वर्गीय महेन्द्र कर्मा और सावित्री मंडावी के पति स्वर्गीय मनोज मंडावी कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और मंत्री रहे हैं। इन 10 महिला विधायकों में से केवल दो को मंत्री बनने का अवसर मिला है।
गंगा पोटाई अविभाजित मध्यप्रदेश में कांग्रेस की अर्जुन सिंह सरकार में मंत्री रहीं हैं, और लता उसेंडी छत्तीसगढ़ में डॉ. रमन सिंह के मंत्री मंडल में कैबिनेट मंत्री रहीं हैं। इन दोनों को ही दो बार मंत्री बनने का अवसर मिला है। दो बार विधायक बनने वालीं महिलाओं में लता उसेंडी, गंगा पोटाई, श्यामा ध्रुवा और देवती कर्मा शामिल हैं।
कब कौन महिला बनी विधायक
01- 1957- प्रतिभा देवी कांकेर।
02- 1977- मंगली झाडूराम रावटे केशकाल।
03- 1980- गंगा पोटाई भानुप्रपातपुर।
04- 1985- गंगा पोटाई भानुप्रपातपुर और श्यामाबाई ध्रुवा केशकाल।
05- 1998- श्यामा ध्रुवा कांकेर, प्रतिभा शाह चित्रकोट और फूलोदेवी नेताम केशकाल।
06- 2003- लता उसेंडी कोंडागांव।
07- 2008- सुमित्रा मस्कोले कांकेर और लता उसेंडी कोंडागांव।
08- 2013- देवती कर्मा दंतेवाड़ा।
09- 2019- देवती कर्मा उपचुनाव मेंं दंतेवाड़ा से।
10- 2022- सावित्री मंडावी भानुप्रपातपुर उपचुनाव में।