Pathalgaon News: नागलोग के नाम से जाना जाता है यह गांव, अंधविश्वास को खत्म करने युवाओं ने संभाला मोर्चा, ये है पूरा मामला

This village is known as Nagalok: इस गांव को नागलोक के नाम से जाना जाता है, जशपुर जिले में रहने वाले लोगों को जहरीले सांपों के साथ रहना पड़ता है। यहां दूरस्थ इलाकों में थोड़ी सी भी असावधानी इनकी जान पर बन आती है, लेकिन सर्पदंश के मामलों में अंधविश्वास से दूर रह कर स्वास्थ्य विभाग की सेवाओं को अपनाने की जागरूकता से काफी अच्छे परिणाम सामने आ रहे हैं। यहां पट्ठलगांव, कोटबा और तपकरा क्षेत्र के सौ से अधिक गांवों में खेतों में और घरों में नाग और करैत नामक सबसे जहरीले सांप की प्रजाति कभी भी देखी जा सकती है।

मरीजों को उपचार के लिए अस्पताल ले जाने की दी सलाह

सर्पदंश के मामलों के बाद, अंधविश्वास और झाड़फूंक के इलाज से मौतों की संख्या में भारी वृद्धि को देखते हुए कलेक्टर डॉ. रवि मित्तल ने सभी प्रभावित गांवों को पहचानकर वहां स्वास्थ्य, राजस्व अमला को भेजकर जागरूकता अभियान को मजबूती से शुरू किया। सर्पदंश के मरीजों के लिए एंटीवेनम इंजेक्शन को जीवन की बचाव की गारंटी के साथ मान्यता दी जाने से अब सर्पदंश के मरीजों के इलाज के लिए उन्हें सीधे अस्पताल भेज दिया जाता है। इसके परिणामस्वरूप, अब सर्पदंश से मौतों के मामलों में अप्रत्याशित रूप से कमी दर्ज की गई है।

सर्पदंश के 62 मामले

पठलगांव ब्लॉक के चिकित्सक, डॉक्टर जेम्स मिंज, बताते हैं कि इस वर्ष सिविल अस्पताल में सर्पदंश के 62 मामलों में से 60 मरीजों के इलाज के बाद वे स्वस्थ हो गए हैं। उन्होंने कहा कि सर्पदंश की घटना के बाद, मरीजों को तुरंत अस्पताल में भर्ती कराने से काफी अच्छे परिणाम प्राप्त हो रहे हैं। उन्होंने बताया कि गांवों और कस्बों में सर्पदंश के मरीजों के लिए एंटीवेनम इंजेक्शन की दवा का पर्यापन पूरी तरह से उपलब्ध है। नागलोक के नाम से प्रसिद्ध इस क्षेत्र में साहसी युवाओं की टीम ने लोगों को जागरूक करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

इस गांव को नागलोक के नाम से जाना जाता है। जब घरों में जहरीला सांप दिखाई देता है, तो ये युवा फोन के माध्यम से सूचना देते हैं, जिसके बाद युवा समूह के सदस्य अपनी नि:शुल्क सेवाओं के लिए पहुंचते हैं। इस टीम द्वारा जहरीले सांप को सुरक्षित रूप से पकड़कर उन्हें जंगल में छोड़ दिया जाता है। इसके साथ ही, युवा समूह ग्रामीणों को झाड़फूंक का भरोसा न करने की समझाने का काम भी करता है। युवा समूह के सदस्यों का कहना है कि पर्यावरण संरक्षण के लिए सांपों की भी महत्वपूर्ण आवश्यकता है। इसी कारण, वे घायल हालात में मिलने वाले सांपों को पकड़कर पशु चिकित्सालय में उपचार करके समीप के जंगलों में छोड़ देते हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You cannot copy content of this page