रायपुर, छत्तीसगढ़। 2023 के CG विधान सभा चुनाव में, इस बार इंटरनेट मीडिया के प्रभावशाली व्यक्तित्व और यू-ट्यूबरों की मांग में वृद्धि हुई है। राजनीतिक दलों ने चुनावी प्रचार-प्रसार में माहौल बनाने और पार्टी के पक्ष में वातावरण तैयार करने के लिए इन्फ्लुएंसरों का सहारा लिया है। कांग्रेस वर्तमान में राज्य सरकार की प्राप्तियों को इन डिजिटल द्वारा प्रसारित करने का प्रयास कर रही है, जबकि भाजपा ने भी पार्टी के पक्ष में समर्थन प्राप्त करने के लिए इन्फ्लुएंसरों का सहारा लिया है। विशेषज्ञों के अनुसार, प्रदेश में दिल्ली, मुंबई, पुणे जैसे शहरों के इंटरनेट मीडिया मार्केटर और डिजिटल मार्केटिंग मैनेजर भी सक्रिय हैं। इन शहरों के फालोअसर से लेकर माइक्रो इंफ्लुएंसर तक बाजार में गतिविधि दिखा रहे हैं।
भाजपा बिलासपुर और जगदलपुर में करेगी मीट
जुलाई में मुख्यमंत्री कर चुके हैं इंफ्लुएंसरों से मीट
पहले ही इससे पहले, प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने स्वयं जुलाई महीने में इंफ्लुएंसरों के साथ एक बैठक आयोजित की थी। पार्टियां अब इन इंफ्लुएंसरों की मदद से चुनावी प्रचार की तैयारी में जुट गई हैं। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के आईटी सेल के प्रमुख, जयवर्धन बिस्सा ने बताया कि कुछ इंफ्लुएंसर पहले ही भूपेश सरकार की प्राप्तियों की सराहना कर चुके हैं। वे किसी भी पार्टी से जुड़े नहीं हैं और उन्हें जो भी सही लगता है, उसे वे साझा करते हैं।
इस तरह चुनाव में उपयोगी
एक अकाउंट से हजारों तक संदेश
कुछ इंफ्लुएंसर ऐसे व्यक्तित्व हैं जिनके पास फेसबुक, इंस्टाग्राम, यूट्यूब और अन्य डिजिटल प्लेटफ़ॉर्मों पर 10,000 से अधिक फॉलोअर्स होते हैं। इनके माध्यम से एक ही पल में संदेश को पहुंचाने की क्षमता होती है।
कम समय में प्रभावी कंटेट
मतदाताओं का ध्यान आकर्षित करने के उद्देश्य से, इंफ्लुएंसर और यू-ट्यूबर्स दोनों ही आवश्यक अवधि के कंटेट प्रसारण में प्रभावी साबित हो सकते हैं। इसके लिए वे टिकटॉक, इंस्टाग्राम रील्स, और स्नैपचैट जैसे डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म्स पर छोटे-मोटे कंटेंट का सही इस्तेमाल कर सकते हैं।
बाजार की तरह चुनाव में भी ला सकेंगे उछाल
राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, इंटरनेट मीडिया पर इंफ्लुएंसरों का महत्वपूर्ण योगदान ट्रेंड्स को सेट करने में किया जाता है। वे न केवल बाजार के ट्रेंड को आकर्षित करते हैं, बल्कि किसी उम्मीदवार के पक्ष को समर्थन दिलाने के लिए भी महत्वपूर्ण हो सकते हैं। उन्होंने इन खूबियों को अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाने के लिए प्रचार-प्रसार का माध्यम बनाया है। डिजिटल युग में, जिनके पास बड़ी संख्या में फॉलोअर्स हैं, वे ही वास्तविक में शक्तिशाली होते हैं। डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म पर प्रभावी रूप से काम करने वाले इंफ्लुएंसर चुनाव के लिए एक महत्वपूर्ण सहायक साबित हो सकते हैं।
छत्तीसगढ़ में 40 प्रतिशत तक पहुंच आसान
इंटरनेट मीडिया के जरिए प्रदेश के 40 प्रतिशत लोगों तक पहुंच पहुंचाई जा सकती है। आईटी विशेषज्ञों के अनुसार, छत्तीसगढ़ में 90 लाख से एक करोड़ विभिन्न इंटरनेट मीडिया उपयोगकर्ता हैं। इनमें से 60 लाख के करीब व्हाट्सएप चलाने वाले स्मार्टफोन उपयोगकर्ता हैं। एक आंकड़ के अनुसार, देश में यूट्यूब उपयोगकर्ताओं की संख्या लगभग 44.8 करोड़ है। इस प्रकार, यूजरों के मामले में यूट्यूब दूसरे स्थान पर है। वाट्सएप उपयोगकर्ताओं की संख्या 53 करोड़ है, जिससे यह पहले स्थान पर है, और फेसबुक उपयोगकर्ताओं की संख्या 41 करोड़ है, जिससे यह तीसरे स्थान पर है।
कौन है इंफ्लुएंसर ?
इंफ्लुएंसर एक ऐसा इंटरनेट मीडिया उपयोगकर्ता होता है जिन्होंने एक विशिष्ट उद्योग में विश्वसनीयता की बुनाई की है। उन्हें डिजिटल सामग्री निर्माता के रूप में माना जाता है और उनके पास बड़े दर्शकों तक पहुंच होती है। वे अपनी प्रामाणिकता और पहुंच के माध्यम से दूसरों को समझाने के लिए जानकारी को साझा करते हैं।
यह कहते हैं एक्सपर्ट
विश्वसनीयता के कारण मांग बढ़ी
छत्तीसगढ़ के आईटी विशेषज्ञ मोहित साहू ने आवश्यकता समझाई कि इंफ्लुएंसर और यू-ट्यूबर लाखों फॉलोअर्स के साथ होते हैं। उन्होंने बताया कि कई उदाहरण हमें दिखाई देते हैं। वे लोग अक्सर राजनीतिक संदर्भ में अपनी दृष्टि प्रस्तुत करते हैं। हालांकि इंफ्लुएंसर किसी भी पार्टी से जुड़े नहीं होते, उनकी पोस्टिंग विश्वासयोग्यता के साथ आती है, जिसके कारण उनकी मांग बढ़ गई है। ऐसे व्यक्तियों की भूमिका महत्वपूर्ण हो सकती है जो किसी विशेष पार्टी के पक्षधर नहीं होते। देश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी लगातार इंफ्लुएंसरों के संपर्क में रहते हैं।