नईदिल्ली। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने दिल्ली में एक प्रेस कांफ्रेंस आयोजित की, जिसमें उन्होंने छत्तीसगढ़ के मुद्दों पर केंद्र सरकार को आलोचना की। उन्होंने बताया कि आने वाले महीनों में आयकर विभाग की एक टीम छत्तीसगढ़ में छापेमारी करेगी, और इससे उनके अनुयायियों की संख्या में कमी हो सकती है। वे इस प्रक्रिया को ‘छपाई से सीटों की कटौती’ का कारण मानते हैं। मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि उन्हें लगता है कि केंद्र सरकार और भाजपा द्वारा छत्तीसगढ़ सरकार को बदनाम करने और दबाने की कोशिश की जा रही है। उनका आरोप है कि इस प्रक्रिया की शुरुआत झारखंड चुनाव के बाद हुई थी, जब उन्हें भाजपा से हार का सामना करना पड़ा था। उन्होंने विनोद वर्मा, जो कि उनके राजनीतिक सलाहकार हैं, के परिसर में हुई ईडी की छापेमारी पर केंद्र और भाजपा पर कई और आरोप भी लगाए।
छत्रपति शिवाजी सदन में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आवाज उठाई। उन्होंने बताया कि उन्होंने दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस की जगह AICC मुख्यालय को चुना। उन्होंने कहा कि ईडी को किसी को पकड़ने की आवश्यकता थी तो यह देश के बाहर के लोगों को पकड़ना चाहिए था, लेकिन उन्होंने ऐसा काम नहीं किया। उन्होंने इसे एक राजनीतिक दृष्टिकोण से देखने की आलोचना की और बताया कि अधिकारियों को किस प्रकार की परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। उन्होंने भविष्य में इस प्रकार की छापेमारी से ईडी और उनके साथी कार्यकर्ताओं को परेशान करने की चेतावनी दी, जिससे कि वे अपने काम में न लग सकें।
ईडी ने छत्तीसगढ़ पुलिस द्वारा दर्ज की गई एफआईआर के आधार पर मनी लॉन्ड्रिंग की जांच की शुरुआत की थी। ईडी के अनुसार, एएसआई चंद्रभूषण वर्मा और सतीश चंद्राकर दुबई स्थित “महादेव ऑनलाइन बुक” के प्रमोटरों से बड़ी रकम वसूल रहे थे और यह धन वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों और मुख्यमंत्री कार्यालय में राजनीतिक रूप से जुड़े नेताओं को ‘संरक्षण राशि’ के रूप में वितरित किया जा रहा था। ईडी ने आरोप लगाया कि सीएम बघेल के राजनीतिक सलाहकार विनोद वर्मा अवैध ऑनलाइन सट्टेबाजी मामले में शामिल थे। इस बार, 23 अगस्त को सुबह-सुबह, ईडी छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निकटस्थ व्यक्तियों के घर पहुंची थी। प्रवर्तन निदेशालय की एक टीम ने सीएम भूपेश के सलाहकार विनोद वर्मा के साथ भिलाई में मौजूद दो ओएसडी मनीष बंछोर और आशीष वर्मा के पास जांच की।