सावन सोमवार 2023: बेहद ख़ास है सावन का अंतिम सोमवार, एक साथ पांच योगों का निर्माण, विधि-विधान से पूजा करने पर बरसेगी महादेव की कृपा…|

नई दिल्ली: सावन सोमवार 2023: सावन मास को भगवान शिव की भक्ति का महीना माना जाता है। इस वर्ष सावन की शुरुआत 3 जुलाई 2023 को मंगलवार को हुई थी। सावन का पहला सोमवार व्रत होली 10 जुलाई को आया था। इस बार सावन मास में 4 सोमवार नहीं, बल्कि 8 सोमवार के महत्वपूर्ण संयोग का आगमन हुआ है। इसका कारण अधिक मास की वजह से है, जिसके कारण सावन का महीना इस बार 59 दिन का है। ज्योतिषाचार्य डॉ. श्रीपति त्रिपाठी ने बताया कि अब तक सावन मास के 7 सोमवार बीत चुके हैं। अब आखिरी सावन सोमवार का व्रत बाकी है। सावन का महीना अब अपने अंत की ओर बढ़ रहा है। जो व्यक्ति अब तक शिवजी के जलाभिषेक या रुद्राभिषेक करने का सौभाग्य नहीं प्राप्त कर पाए हैं, उन्हें 8वें और अंतिम सावन सोमवार पर यह शुभ कार्य करने का अवसर होगा। यह आखिरी सावन सोमवार 28 अगस्त 2023 को आएगा। इस दिन सोम प्रदोष व्रत भी मनाया जाएगा। इसके साथ ही, सावन मास 31 अगस्त 2023 को समाप्त हो जाएगा।

बेहद खास है सावन के अंतिम सोमवार व्रत

सावन सोमवार 2023: सावन के आखिरी सोमवार का व्रत अत्यधिक विशेष होता है। इस दिन ही सावन मास का अंतिम प्रदोष व्रत भी आयोजित होता है। इसके साथ ही, इस दिन सावन पुत्रदा एकादशी का पारण भी किया जाता है। सावन मास की आखिरी सोमवारी व्रत के दिन 5 शुभ संयोग एकत्र होते हैं। इस अंतिम सावन सोमवार के दिन प्रदोष व्रत, आयुष्मान योग, सौभाग्य योग, सर्वार्थ सिद्धि योग, और रवि योग का सम्मिलित आयोजन होता है। सावन मास के आखिरी सोमवार और प्रदोष व्रत 28 अगस्त 2023 को दिन सोमवार को पड़ रहे हैं। इस दिन सावन पुत्रदा एकादशी व्रत के पारण के साथ ही सोम प्रदोष व्रत का भी आयोजन होगा। इस प्रकार, सावन के आखिरी सोमवार को अत्यधिक महत्वपूर्ण माना जाता है।

आठवां सावन सोमवार 2023 मुहूर्त

पंचांग के अनुसार 28 अगस्त 2023 को शाम 06 बजकर 22 मिनट तक सावन माह के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि है। इसके बाद त्रयोदशी तिथि लग जाएगी. ऐसे में व्रती सुबह सोमवार व्रत की पूजा के साथ शाम को प्रदोष व्रत का पूजन करने से मनोवांछित फल प्राप्त होगा।

सुबह का मुहूर्त – सुबह 09 बजकर 09 मिनट से दोपहर 12 बजकर 23 मिनट पर

प्रदोष काल मुहूर्त – शाम 06 बजकर 48 मिनट से रात 09 बजकर 02 मिनट पर

सावन अंतिम प्रदोष व्रत का शुभ मुहूर्त

सावन मास के शुद्ध शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि 28 अगस्त दिन सोमवार को है। जो मंगलवार को दोपहर 12 बजकर 38 मिनट तक है .28 अगस्त को ही 2 बजकर 56 मिनुट पर त्रयोदशी तिथि में सूर्यास्त का मुहूर्त प्राप्त हो रहा है।

सावन के अंतिम सोमवार व्रत पर बन रहे 5 शुभ संयोग

Sawan Somvar 2023 : 01. आयुष्मान योग: प्रात:काल से लेकर सुबह 08 बजकर 27 मिनट तक

02. सौभाग्य योग: सुबह 08 बजकर 27 मिनट से सायं 05 बजकर 51 मिनट से पूरी रात तक

03. सर्वार्थ अमृत सिद्धि योग: मध्यरात्रि 01 बजकर 1 मिनट से

04. रवि योग: मध्यरात्रि 01 बजकर 1 मिनट से

05. सावन सोमवार का संयोग: सावन प्रदोष के दिन सावन का आखिरी सोमवार व्रत का संयोग बन रहा है।

सावन के आखिरी सोमवार पूजन-विधि

Sawan Somvar 2023 :  सावन के आखिरी सोमवार के दिन सुबह स्नान करें और इसके बाद भगवान शिव का जलाभिषेक करें।

इसके साथ ही देवी पार्वती और नंदी को भी गंगाजल या दूध चढ़ाएं।

पंचामृत से रुद्राभिषेक करें और बेल पत्र अर्पित करें।

शिवलिंग पर धतूरा, भांग, आलू, चंदन, चावल चढ़ाएं।

फिर शिव जी के साथ माता पार्वती और गणेश जी को तिलक लगाएं।

प्रसाद के रूप में भगवान शिव को घी-शक्कर का भोग लगाएं।

आखिर में धूप, दीप से भगवान भोलेनाथ की आरती करें।

पूरे दिन फलाहार हर कर शिव जी का स्मरण करते रहें।

शाम के समय प्रदोष काल में शिव जी की पूजा करें।

सावन सोमवार पूजा सामग्री

फूल, पंच फल पंच मेवा, रत्न, सोना, चांदी, दक्षिणा, पूजा के बर्तन, कुशासन, दही, शुद्ध देशी घी, शहद, गंगाजल, पवित्र जल, पंच रस, इत्र, गंध रोली, मौली जनेऊ, पंच मिष्ठान्न, बिल्वपत्र, धतूरा, भांग, बेर, आम्र मंजरी, मंदार पुष्प, गाय का कच्चा दूध, कपूर, धूप, दीप, रूई, मलयागिरी, चंदन, शिव व मां पार्वती की श्रृंगार सामग्री।

इस मंत्र का करें जाप

Sawan Somvar 2023 :  भगवान शिव के मंत्र ‘ॐ नम: शिवाय’ को बेहद चमत्कारी माना जाता है। इस मंत्र का सकारात्मक परिणाम बहुत जल्दी ही देखने को मिलता है। इसलिए हर सोमवार इस मंत्र का जाप जरूर करें।

सावन के आखिरी सोमवार पर करें ये उपाय

सावन के आखिरी सोमवार पर सुबह स्नानादि के बाद शिवलिंग का जलाभिषेक करें। षोडोपचार से शिव का पूजन करें। उन्हें बेलपत्र, भस्म, भांग, धतूरा, पुष्प, भोग अर्पित करें।

राहु ग्रह को मजबूत करने के लिए आखिरी सावन सोमवार पर की शाम को प्रदोष काल मुहूर्त में जल में 7 दाना जौ मिलाकर अभिषेक करें।

अगर कुंडली में शनि की गुरु की कमजोर स्थिति के कारण वैवाहिक जीवन में उथल-पुथल मची है, विवाह में देरी हो रही है तो जल में केसर डालकर जलाभिषेक करें।

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