चंद्रयान-3 ने भारत के लिए एक महत्वपूर्ण दिन बनाया, क्योंकि चंद्रयान-3 चांद पर सफलतापूर्वक पहुंचा। इससे भारत को चांद पर कामयाबी मिली, और चंद्रयान-3 ने चांद की सतह पर उतरकर एक महत्वपूर्ण पृष्ठभूमि बनाई। यह भारत को पहला देश बनाता है जिसने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सफलतापूर्वक उतरने का काम किया है। चंद्रयान-3 के विक्रम लैंडर ने सॉफ्ट लैंडिंग की अद्वितीय कामयाबी हासिल की, इसके बाद प्रज्ञान रोवर लैंडर से बाहर आएगा और चंद्रमा की सतह पर घूमकर अनुसंधान करेगा, जानकारी एकत्र करेगा।
चंद्रयान-3 के लैंडर ‘विक्रम’ ने चांद की सतह पर सफलतापूर्वक सॉफ्ट लैंडिंग करने के समय, पूरे भारत ने आनंद और गर्व के साथ उछलकर खुशी मनाई। इसरो के वैज्ञानिकों ने कई वर्षों से इस मिशन में अपना समय और मेहनत लगाए थे। यह सफलता उनके त्याग और संघर्ष का प्रतीक है। चंद्रयान-3 की सफलता पर प्रधानमंत्री मोदी ने इसरो के वैज्ञानिकों की प्रशंसा की।
चंद्रयान-3 के सफल लैंडिंग के लिए, देशभर के मंदिर-मस्जिदों में विशेष पूजाएं और यज्ञ की गई थीं, जिससे भारतीय समुदाय की भावनाओं की आदर्शना की गई। इसके बाद कल, जब चंद्रयान-3 ने चांद पर सफल लैंडिंग की, प्रज्ञान रोवर के बाहर निकलते ही इसरो ने उद्घाटन किया कि “भारत ने चंद्रमा की सैर की है।” इस सफलता के मौके पर पूरे देश में खुशी का माहौल था और सभी ने चंद्रयान-3 की सफलता के अवसर पर इसरो को बधाई दी।